वाशिंगटन : ट्रंप प्रशासन द्वारा आतंकी समूहों को शरण देने पर पाकिस्तान को चेतावनी दिए जाने का मुहाजिरों के एक समूह ने स्वागत किया है. आपको बता दें कि मुहाजिर उर्दू बोलने वाले उन प्रवासियों को कहा जाता है, जो 1947 में भारत छोड़कर पाकिस्तान चले गए थे. सिंध प्रांत में बड़ी संख्या में ऐसे लोग बसे हुए हैं. गौरतलब है कि अमेरिका के उपराष्ट्रपति माइक पेंस हाल ही में अफगानिस्तान की अघोषित यात्रा पर गए थे. इस यात्रा के दौरान उन्होंने कहा था कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तालिबान और अन्य आतंकी समूहों को सुरक्षित पगाहगाह उपलब्ध कराने पर पाकिस्तान को चेतावनी दी है .बकौल ट्रम्प , अमेरिका के साथ भागीदारी करने से पाकिस्तान को बहुत लाभ हुआ है. लेकिन अपराधियों एवं आतंकवादियों को शरण देते रहने से पाकिस्तान को बहुत खामियाजा उठाना पड़ सकता है. उल्लेखनीय है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को लिखे एक पत्र में वर्ल्ड मुहाजिर कांग्रेस (डब्ल्यूएमसी) ने अफगानिस्तान में पेंस द्वारा इस बारे में दिये गये बयान का स्वागत किया है. डब्ल्यूएमसी ने कहा है कि दक्षिण एशिया में विशेषकर पाकिस्तानी सेना प्रतिष्ठान और खुफिया शाखा इंटर सर्विस इंटेलिजेंस (आईएसआई) को आतंकवादी संगठनों को सहारा देने और दुर्भावनापूर्ण नीति को लेकर पाकिस्तान को चेतावनी देने को एक साहसिक नीति बताया है. डब्ल्यूएमसी ने दक्षिण एशिया नीति तैयार करने में ट्रंप प्रशासन को मदद करने की भी पहल की है. यह भी देखें संयुक्त राष्ट्र ने अपने वार्षिक बजट में की पांच फीसदी की कटौती पाकिस्तानी मीडिया का असली चेहरा आया सामने