कोलकाता: पश्चिम बंगाल का बजट सत्र पांच फरवरी से आरंभ हो रहा है, किन्तु इस बार भी गवर्नर के अभिभाषण के बगैर ही बजट सत्र शुरू हो रहा है. बता दें कि नव वर्ष में 27 जनवरी को केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने के लिए ममता सरकार ने विधानसभा का दो दिवसीय सत्र बुलाया था, जो गवर्नर के संबोधन के बिना ही शुरू कर दिया गया था. इस पर गवर्नर जगदीप धनखड़ ने सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था कि संविधान का पालन होना अनिवार्य और अपरिहार्य है. इसके बाद फिर से बजट सत्र राज्यपाल के अभिभाषण के बगैर ही आरंभ हो रहा है. बता दें कि अनुच्छेद 176 के मुताबिक, प्रति वर्ष के पहले सत्र में राज्यपाल विधानसभा को संबोधित करेंगे, लेकिन सिर्फ पश्चिम बंगाल विधानसभा ही है, जहां यह नहीं हुआ कि गवर्नर का अभिभाषण नहीं हुआ. वहीं, अब पांच फरवरी से बजट सत्र शुरू हो रहा है और फिर से यह सत्र बिना राज्यपाल के अभिभाषण के ही आरंभ होगा. जानकारी के अनुसार, गवर्नर जगदीप धनखड़ अभिभाषण के बगैर अंतरिम बजट पेश करने के फैसले से निराश हैं. उन्होंने कहा है कि यह विधानसभा चुनाव से पहले का अंतिम सत्र है और आम आदमी को यह जानने का अधिकार है कि सरकार ने पांच वर्षों में क्या किया है. राज्यपाल ने अफसोस जताया है कि राज्य के लोगों को उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है. स्टार्टअप्स के लिए फंड ऑफ फंड्स पर ध्यान देते हुए, सरकार ने 830 करोड़ रुपये का किया भुगतान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा- "सरकार ने हमारे युवाओं के लिए ..." पर्यटन मंत्रालय के लिए बजट 19% घटा, उधोग ने जताई नाराज़गी