कोलकाता: रामनवमी के दिन पश्चिम बंगाल के आसनसोल और रानीगंज में लगी साम्प्रदायिकता की आग कुछ कम होती नज़र आ रही है, लगभग एक हफ्ते के भयावह अरसे के बाद अब वहां के हालत कुछ सामान्य हुए हैं, यहां दोनों समुदाय के लोग हिंसक झड़प को भुलाने की जद्दोजहद में फिर से अपने काम धंधों पर लौट आए हैं. हालांकि, बाजार खुलने और लोगों की आवाजाही होने के बाद भी पुलिस प्रशासन कोई खतरा नहीं मोल नहीं लेना चाहता. इसीलिए दोनों क्षेत्रों में पुलिस बल हर समय तैनात रहते हैं, संदिग्धों की तलाशी ली जा रही है और पुलिस द्वारा भीतरी इलाकों में भी गश्त लगाई जा रही है.प्रशासन ने एहतियातन हिंसा का शिकार हुए क्षेत्रों में निषेधाज्ञा बरकरार रखने के साथ ही इंटरनेट सेवाएं निलंबित की हुई हैं. एसडीओ पी रॉय चौधरी ने बताया कि आसनसोल के दक्षिणी हिस्सों में दुकानें और बाजार खुले रहे और गाड़ियों की आवाजाही शुरू हुई है. उन्होंने कहा कि शहर के उत्तरी हिस्सों में अब भी तनाव बना हुआ है, चौधरी के अनुसार हिंसा की कोई नई घटना नहीं हुई है लेकिन निषेधाज्ञा बरकरार है. इंटरनेट सेवाएं चार अप्रैल तक निलंबित रहेंगी. वहीं आसनसोल बस एसोसिएशन के सचिव प्रकाश चंद्र मंडल ने कहा- ड्राइवर और हेल्पर अभी भी डरे हुए हैं लेकिन उन्होंने काम पर आना शुरू कर दिया है. हमने सभी रूटों पर अपनी सेवा फिर से शुरू कर दी है. जहां आसनसोल के रहने वाले लोग घर से बाहर निकलकर बस में बैठ रहे हैं वहीं दूसरे जिलों से आने वाले लोग जो आमतौर पर काम के सिलसिले में रोजाना आया करते थे वह नहीं आ रहे हैं. ममता और प्रशासन की मिलीभगत से बंगाल मे हो रहा है दंगा - बाबुल सुप्रियो बंगाल के दंगों के आरोपी की तलाश झारखण्ड में तीसरे मोर्चे के लिए आज भाजपा बागियों से मिलेंगी ममता