कोलकाता: पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने प्रदेश में संपूर्ण लॉकडाउन के लिए पूर्व घोषित तिथियों में तीन सप्ताह के भीतर छठवीं बार बदलाव किया है. ममता बनर्जी सरकार ने 28 अगस्त को लॉकडाउन का निर्णय वापस ले लिया है. सरकार की तरफ से इसके पीछे 29 अगस्त को शनिवार और 30 अगस्त को रविवार होने के कारण बैंकिंग सेवाएं प्रभावित होने की आशंका को वजह बताया गया है. सरकार के अनुसार, कई इलाकों से 28 अगस्त को लॉकडाउन की मांग निरंतर आ रही थी. वहीं, सरकार के इस फैसले को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तुष्टिकरण करार दिया है. विपक्षी भाजपा के नेता राहुल सिन्हा ने ममता बनर्जी के प्रशासन को अक्षम बताते हुए कहा कि यह सरकार पूरी तरह अक्षम है. लॉकडाउन के लिए भी तारीख में छह बार बदलाव करना पड़ा. उन्होंने कहा कि सरकार ने अब यह खामी पाई है कि बैंकिंग सेवाएं बंद होंगी. सिन्हा ने सवाल करते हुए कहा कि सरकार ने लॉकडाउन के लिए तिथियों की घोषणा करने के पहले ही इस पर विचार क्यों नहीं किया? सीएम ममता बनर्जी पर तुष्टिकरण की सियासत करने का आरोप लगाते हुए भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने कहा कि तारीख में संशोधन का असली कारण 29 अगस्त को मुहर्रम का होना है. उन्होंने कहा कि 29 अगस्त को मुहर्रम है, ऐसे में इससे ऐन एक दिन पहले सरकार लॉकडाउन नहीं लगाना चाहती. राहुल सिन्हा ने कहा कि महामारी के समय भी सरकार सांप्रदायिकता की सियासत करने में जुटी है. शोध में हुआ खुलासा, ई-सिगरेट के सेवन से हो सकता है कोरोना राजनीतिक पथ पर स्थापित रहना मुश्किल, जरूरी है दायित्व बोध के लिए प्रोत्साहन भाजपा विधायक योगेश धामा ने लिया गुंडों को सुरक्षा दिलवाने का जिम्मा