पटना: बिहार के बाहुबली नेता पप्पू यादव ने आम चुनाव 2024 की घोषणा के फ़ौरन बाद 20 मार्च को अपनी जन अधिकार पार्टी (JAP) का कांग्रेस में विलय कर दिया था और खुद भी कांग्रेस की सदस्यता लेकर पार्टी के सिपाही बन गए थे। लेकिन, ऐसा लगता है कि पप्पू यादव को इतना कुछ करने के बावजूद कुछ भी हासिल नहीं हुआ, उल्टा मेहनत से खड़ी की गई पार्टी JAP और हाथ से चली गई। दरअसल, अब कांग्रेस ने पप्पू यादव को केवल स्नैक्स खाने के लिए पार्टी ऑफिस में आने वाला नेता कह दिया है। कांग्रेस ने दावा किया है कि पप्पू यादव ने कभी पार्टी की सदस्यता ली ही नहीं है। कांग्रेस ने पप्पू यादव से सदस्यता पर्ची दिखाने की चुनौती दी है। अब कांग्रेस के इस रवैये से पप्पू यादव की हालत ‘ना घर के रहे, ना घाट के’ वाली हो गई। उनकी पूरी पार्टी और नेताओं-कार्यकर्ताओं का कांग्रेस में विलय हो चुका है और अब देश पर सबसे अधिक समय तक शासन करने वाली कांग्रेस उन्हें पहचानने से ही इनकार कर दे रही है। दरअसल, कांग्रेस में पार्टी का विलय करते हुए पप्पू यादव ने पूर्णिया से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की थी। हालाँकि, INDI गठबंधन में यह सीट लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के खाते में पहुँच गई। RJD ने यहाँ से बीमा भारती को मैदान में उतार दिया, ये पप्पू यादव के लिए पहला झटका था। इसके बाद पप्पू ने कांग्रेस और लालू से समर्थन मांगने की काफी कोशिश की, लेकिन नाकाम रहे, बाद में पप्पू यादव ने बागी होकर पूर्णिया सीट से निर्दलीय लड़ने का ऐलान कर दिया। इसके बाद बिहार कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने पप्पू यादव से अपना नामांकन पत्र वापस लेने को कहा। अखिलेश ने कहा था कि कांग्रेस अपने सदस्यों को निर्दलीय के रूप में लड़ने की इजाजत नहीं देती है। हालाँकि, पप्पू यादव लगातार खुद को कांग्रेस, राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी वाड्रा का सिपाही बताते रहे और पार्टी का वफादार होने का दावा करते रहे। गौरतलब है कि पप्पू यादव की पत्नी रंजीत रंजन कांग्रेस की राज्यसभा सांसद हैं और वह अपने आप को ‘आखिरी साँस तक कांग्रेस, राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी वाड्रा का सिपाही’ बताती रही हैं। राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी के समर्थन में पप्पू यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट भी किया था। पप्पू ने मंगलवार (30 अप्रैल 2024) को लिखा था कि, 'अमेठी रायबरेली से राहुल गाँधी जी और प्रियंका गाँधी जी चुनाव लड़ेंगे, तो मैं अपनी पूरी टीम के साथ अपने संसाधन से चुनाव प्रचार करने जाऊँगा। पाँच लाख से अधिक मतों से उनकी विराट विजय सुनिश्चित है। इस रावणराज के विनाश में एक गिलहरी के रूप में अपनी भूमिका निभाऊँगा।' हालाँकि, इसके बाद कांग्रेस ने बुधवार (1 मई 2024) को आधिकारिक रूप से कह दिया है कि पप्पू यादव ने ना ही पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है और ना ही JAP का कांग्रेस में विलय ही किया है। कांग्रेस के प्रवक्ता आलोक शर्मा ने तो पप्पू पर तीखा तंज भी कस दिया। आलोक शर्मा ने कहा कि, “मुझे नहीं लगता कि पप्पू यादव ने JAP का कांग्रेस में विलय किया है। उन्होंने पटना में सदस्यता पर्ची भी नहीं ली, जो बिहार से पार्टी में शामिल होने वाले किसी भी नेता को लेना जरूरी होती है।” शर्मा ने यहाँ तक कह दिया कि बहुत से लोग प्रेस वार्ता में स्नैक्स लेने (नाश्ता करने) चले आते हैं। शर्मा ने कहा कि, “मैं जो कहना चाह रहा हूँ, वह यह है कि प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई।” बता दें कि कांग्रेस के बिहार प्रभारी मोहन प्रकाश और मीडिया एवं प्रचार विभाग के अध्यक्ष पवन खेड़ा की मौजूदगी में पप्पू यादव ने 20 मार्च 2024 को अपनी पार्टी JAP को कांग्रेस में विलय कर दिया था। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता लेने का ऐलान किया था। प्रेस वार्ता के दौरान पप्पू यादव का पार्टी में स्वागत किया गया था और उनकी पार्टी के विलय का ऐलान किया गया था। हालाँकि, अब कांग्रेस पप्पू यादव को पहचानने से भी इंकार कर रही है और उन्हें स्नैक्स खाने वाला नेता बता रही है। 'रायबरेली और अमेठी से लड़ना, राहुल-प्रियंका का निजी फैसला..', जयराम रमेश बोले- INDIA गठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिलेगा सपा के गढ़ मैनपुरी में सीएम योगी का रोडशो, बोले- भारत को गुलामी की ओर ले जाएगा INDI गठबंधन '400 पार तो क्या, 200 सीट जीतना भी मुश्किल..', शशि थरूर बोले- भाजपा के वोटरों में उत्साह नहीं