राम मंदिर को लेकर ऐसा क्या बोल गए सैम पित्रोदा, जो कांग्रेस को करना पड़ा डैमेज कंट्रोल ! जयराम बोले- उनका बयान निजी, पार्टी का नहीं

नई दिल्ली: कांग्रेस ने आज शुक्रवार (29 दिसंबर) को पार्टी के वरिष्ठ नेता सैम पित्रोदा की अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के महत्व पर सवाल खड़े करने वाली हालिया टिप्पणियों से खुद को अलग कर लिया है। देश पर सबसे लम्बे समय तक शासन करने वाली कांग्रेस ने डैमेज कंट्रोल करते हुए कहा है कि वह इस मामले पर पार्टी के रुख को प्रतिबिंबित नहीं करते हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को जारी एक बयान में, कांग्रेस संचार प्रभारी जयराम रमेश ने स्पष्ट किया कि एक साक्षात्कार में व्यक्त किए गए सैम पित्रोदा के विचार "उनके अपने" थे और पार्टी की आधिकारिक स्थिति का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा है कि, "वह कांग्रेस का दृष्टिकोण नहीं बता रहे हैं, यह उनका खुद का दृष्टिकोण है।" उन्होंने कहा कि पित्रोदा "कांग्रेस पार्टी के लिए नहीं बोलते हैं।''

क्या बोले थे सैम पित्रोदा ?

बता दें कि, इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के मौजूदा अध्यक्ष पित्रोदा ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि आधुनिक भारतीय राजनीति के संदर्भ में राम मंदिर और दीप प्रज्ज्वलन उत्सव पर ध्यान उन्हें "परेशान" करता है। उन्होंने कहा था कि, पूरा देश आज राम मंदिर पर लटका हुआ , यह परेशान करने वाला है। एक रिपोर्ट के अनुसार, पित्रोदा ने यहाँ तक कह दिया था कि, ''पीएम मोदी का मंदिर जाना उन्हें परेशान करता है। कांग्रेस को भगवान राम से जो दिक्कत होती थी, उसका प्रदर्शन खुलेआम होने लगा है।'' 

गौर करने वाली बात ये भी है कि, कांग्रेस शुरू से अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के खिलाफ रही है, ये सर्वविदित तथ्य है। कांग्रेस के पीएम नरसिम्हा राव जी ने तो उस स्थान पर वापस बाबरी मस्जिद बनवाने का वादा तक कर दिया था। वहीं, मनमोहन सरकार के समय कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर श्री राम को काल्पनिक तक बता दिया था। हालाँकि, अब पार्टी को सैम पित्रोदा के बयान से अलग इसलिए होना पड़ रहा है क्योंकि, कुछ ही महीनों में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में कांग्रेस बहुसंख्यक समाज को नाराज़ करने का कोई रिस्क नहीं उठाना चाहती। वरना, जो व्यक्ति ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष (सैम पित्रोदा) पद पर बैठा हो, वो पार्टी के लिए नहीं बोल सकता, ये बात हास्यपद है। सैम पित्रोदा, कोई विधायक, सांसद या जिला अध्यक्ष नहीं हैं, वो ओवरसीज में कांग्रेस की कमान उसी तरह संभालते हैं, जैसे भारत में मल्लिकार्जुन खड़गे। कहा ये भी जाता है कि, विदेशों में राहुल गांधी के जितने भी दौरे होते हैं, वो पित्रोदा ही प्रबंधित करते हैं और अक्सर दोनों साथ-साथ विदेशों में देखे भी जाते हैं। बता दें कि, सैम पित्रोदा को राहुल गांधी का राजनितिक गुरु भी माना जाता है। हालाँकि, राहुल या पित्रोदा ने इसको लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन सियासी गलियारों में इसकी चर्चा हमेशा होती रहती है। 

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