शिमला: फिल्म जगत से राजनीति में आईं कंगना रनौत ने शुक्रवार को राहुल गांधी की 'देश का हलवा' टिप्पणी को लेकर उन पर निशाना साधा और कहा कि कांग्रेस नेता जो कहते हैं उसका कोई मतलब नहीं होता। संसद के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए कंगना ने कहा कि, "राहुल गांधी के बारे में मैं क्या कहूं? उनकी कोई बात समझ में नहीं आती, कम से कम मुझे तो समझ नहीं आता कि वह क्या कहते हैं। उनके बारे में सबसे निंदनीय बात यह है कि उन्होंने देश के लिए जो शब्द इस्तेमाल किए हैं।" उन्होंने कहा कि, "राहुल गांधी की दादी (पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी) ने भी विभिन्न बजट तैयार किए हैं और मैं देश के लिए उनकी 'हलवा' टिप्पणी की निंदा करती हूं।" भाजपा सांसद ने कहा कि, "यह देश के लिए अच्छा नहीं है और जैसा कि केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है, कांग्रेस की मानसिकता अपने फायदे के लिए देश को टुकड़ों में तोड़ने की है। यह पंडित जवाहरलाल नेहरू के समय से चल रहा है।" बता दें कि, 29 जुलाई को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने केन्द्रीय बजट की छपाई से पहले हुए हलवा समारोह की एक तस्वीर दिखाते हुए कहा कि तस्वीर में कोई दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक या पिछड़े वर्ग का व्यक्ति नहीं है। देश का हलवा बंट रहा है और इन लोगों को नहीं मिल रहा है। राहुल गांधी ने कहा कि देश का बजट बनाने में 20 अधिकारी लगे थे और उनमें से केवल एक अल्पसंख्यक समुदाय से था और एक अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) से था। बाद में, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दशकों पुराने 'हलवा समारोह' पर राहुल गांधी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि वह इस बयान से 'दुखी' हैं। लोकसभा में बजट पर बहस का जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा, "मुझे दुख होता है । काश हमें पता होता कि हलवा समारोह किस पृष्ठभूमि में मनाया जाता है।" उन्होंने कहा, "इस देश में किसी भी अच्छे काम को शुरू करने से पहले कुछ मीठा परोसने की परंपरा है। यह कब से फोटो इवेंट बन गया? 2013-14 में उन्होंने (राहुल गांधी) तत्कालीन वित्त मंत्री से यह क्यों नहीं पूछा कि मंत्रालय में कितने अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के लोग हैं?" ' चक्रव्यूह ' का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने यह भी दावा किया कि चारों ओर भय का माहौल है और छह लोगों का एक समूह पूरे देश को ' चक्रव्यूह ' में फंसा रहा है। उन्होंने वादा किया था कि इस चक्रव्यूह को INDIA गठबंधन तोड़ देगा। लोकसभा में बजट 2024-25 पर बहस में भाग लेते हुए गांधी ने कहा कि INDIA गठबंधन यह सुनिश्चित करेगा कि एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के साथ-साथ जाति जनगणना भी सदन द्वारा पारित की जाए। बता दें कि, नेता विपक्ष राहुल गांधी कई बार ओबीसी, दलित और आदिवासी मुख्य सचिव और अन्य अफसरों की कमी का सवाल उठा चुके हैं और कई बार भाजपा नेता इसका जवाब दे चुके हैं। पिछले सप्ताह भी केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने जवाब दिया था। उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी को तथ्यों की कोई जानकारी नहीं है। आज जो लोग मुख्य सचिव जैसे पदों पर आकर बैठे हैं, वे आपके (कांग्रेस के) कार्यकाल में ही नौकरी पर पाए थे, आज 1992 बैच के अधिकारी इस पद पर हैं, कोई नई नियुक्ति नहीं हुई है। इन अफसरों को हमने इस पद पर नहीं रखा है। इसलिए राहुल गांधी को यह सवाल कांग्रेस की पूर्व सरकारों से करना चाहिए। नड्डा ने कहा था कि नेता विपक्ष होने के नाते राहुल गांधी को तथ्यों की जानकारी रखनी चाहिए और तैयारी करने जिम्मेदारी के साथ सदन में बोलना चाहिए। नड्डा ने कहा था कि वह तो ट्यूशन लेकर बोलते हैं, वह भी NGO वाला, नेताओं से ट्यूशन लें तो भी ठीक है। राष्ट्रपति भवन में राज्यपालों का दो दिवसीय सम्मेलन शुरू, महामहिम मुर्मू और पीएम मोदी ने गवर्नर्स से की ये अपील चुनावी बॉन्ड का मामला फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, क्या थी मांग, जिसे SC ने कर दिया खारिज 'कांग्रेस को सदा शकुनि-चक्रव्यूह ही क्यों याद आते हैं, क्या यही चरित्र..', राहुल गांधी के बयान पर शिवराज ने किया पलटवार