क्या किया है, क्या करेंगे? अमित शाह ने रिपोर्ट कार्ड के साथ जारी किया घोषणापत्र

श्रीनगर: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने जम्मू-कश्मीर में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों के लिए अपना संकल्प पत्र जारी किया है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इसे सार्वजनिक करते हुए बताया कि जम्मू-कश्मीर का भूभाग आजादी के समय से ही पार्टी के लिए बहुत महत्वपूर्ण रहा है, और इसे जोड़े रखने के लिए उन्होंने कई प्रयास किए हैं। उन्होंने साफ किया कि अनुच्छेद 370 अब इतिहास का हिस्सा बन चुका है और यह कभी वापस नहीं आएगा, क्योंकि यह वही विचारधारा थी जो युवाओं को भटकाकर उनके हाथों में पत्थर थमा देती थी।

 

अमित शाह ने कहा कि 1947 से ही जम्मू-कश्मीर बीजेपी के दिल के करीब रहा है और यह भारत का अभिन्न हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा। उन्होंने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि वे तुष्टीकरण की राजनीति में उलझे रहे और अलगाववाद को बढ़ावा दिया। उन्होंने बताया कि अनुच्छेद 370 के हटने के बाद से जम्मू-कश्मीर विकास और प्रगति की राह पर आगे बढ़ रहा है। शाह ने शिक्षा के क्षेत्र में हुई प्रगति की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि 59 नए कॉलेज खोले गए हैं, जिनमें 30 कश्मीर में और 29 जम्मू में स्थित हैं। साथ ही, जम्मू-कश्मीर में 2 AIIMS, आईआईटी, आईआईएम, निफ्ट और यूनानी अस्पताल खोले गए हैं। उन्होंने कहा कि अब जम्मू-कश्मीर के छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं है, बल्कि अब देशभर से छात्र जम्मू-कश्मीर में पढ़ने आ रहे हैं।

 

उन्होंने उमर अब्दुल्ला पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी गुज्जरों, बकरवालों और पहाड़ी समुदायों के आरक्षण को छीनने नहीं देगी। अमित शाह ने यह भी कहा कि कश्मीर घाटी में कानून-व्यवस्था में बड़ा सुधार हुआ है और अब पत्थरबाजी की घटनाएं नहीं हो रही हैं। उन्होंने दावा किया कि बीजेपी ने घाटी में आतंकवादी नेटवर्क को खत्म कर दिया है।

संकल्प पत्र में कई विकास योजनाओं की घोषणा की गई है, जिनमें जम्मू में तवी रिवर फ्रंट, श्रीनगर में एम्यूजमेंट पार्क और डल झील का विश्व स्तर पर विकास शामिल है। इसके अलावा, उज्ज्वला योजना के तहत 2 सिलेंडर मुफ्त दिए जाएंगे, छात्रों को कोचिंग फीस के लिए 10 हजार रुपए दिए जाएंगे, किश्तवाड़ में आयुष हर्बल पार्क बनाया जाएगा और राजौरी को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। साथ ही, घर की एक महिला को 18 हजार रुपए और कॉलेज के छात्रों को हर साल 3 हजार रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। इन योजनाओं का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर को विकास के नए स्तर पर ले जाना और लोगों के जीवन में सुधार लाना है।

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