हम लोग अपने आसपास के वातावरण में जो भी चीज़ देखते है, वो चीज़े पेड़,पशु,पक्षी,या पत्थर हो, ये हमे इसकी अवस्था से दो ही रूप में दिखती है, अगर में आपको साइंस यानि विज्ञानं की भाषा में कहू तो हमारी आंखे किसी भी वस्तु को लंबाई ओर चौड़ाई के रूप में ही देखती है, इसे 2D कहा जाता है, यहाँ D का मतलब डाइमेंशन व आकार से समझ सकते है, आप जब भी अपने को टीवी के सामने देखते है तो वह आपको 2D के रूप में ही दिखाई देती है, पर आपने कुछ लोगो को एक काले कलर का चश्मा लगते हुए, टीवी देखते देखा होगा, वेसे वो चश्मा 3D ग्लास कहलाता है, किसी दूसरे उदाहरण से समझते है, मान लीजिये कि आप आपने घर की छत पर या बालकनी पर खड़े हो ओर दूर किसी चीज़ या लोगो को देख रहे हो, तो इस अवस्था में आपको उन व्यक्तियों के कपडे से लगा करके, उनका मस्तिष्क तक पूरा उनको देख पायगे, तो यहाँ आप जिस कोण से देखने कि कोशिश कर रहे है दरअसल उस अक्ष से आप तीन कोण का निर्माण कर रहे है जो व्यक्ति विशेष से लंबाई, चौड़ाई, गहराई या ऊँचाई को बनाता है, इससे इसलिए इसको 3D कहा जाता है, कुछ लोग 4D होने का भी दावा करते है, पर अभी तक किसी भी वस्तु के आकर को केवल तीन ही इकाई में नापा जा सकता है, चौथी इकाई के होने का अभी कोई मजबूत प्रमाण नहीं है, आपका अनुभव शेयर करे हमारे साथ , कमेंट करे निचे दिये बॉक्स में और निचे दी हुई अन्य स्टोरी भी पढ़े. जब इन लोगों ने बनवाये ये अजीब अजीब टैटू 3d-किया गया ये छोटासा घर, बन गया मात्र 24 घण्टों में 2 स्मार्टफोन में ऐसे चला सकते है 1 व्हाट्सएप्प, वो भी एक साथ