क्या है डिजिटल डिमेंशिया?

आज के दौर में टेक्नोलॉजी और स्क्रीन का इस्तेमाल इतना बढ़ गया है कि इसके बिना जीवन की कल्पना करना मुश्किल हो गया है। हालांकि, लगातार स्क्रीन के सामने बैठने और डिजिटल गैजेट्स का इस्तेमाल करने से हमारी सेहत पर बुरा असर पड़ता है। इसका सबसे बड़ा नुकसान हमारी आंखों और दिमाग पर होता है। इसी के कारण आजकल डिजिटल डिमेंशिया जैसी बीमारियां तेजी से फैल रही हैं, जो दिमागी और शारीरिक सेहत के लिए खतरनाक साबित हो रही हैं।

क्या है डिजिटल डिमेंशिया?

डिजिटल डिमेंशिया एक प्रकार का ब्रेन डिसऑर्डर है, जिसमें व्यक्ति की याददाश्त कमजोर होने लगती है, फैसले लेने की क्षमता घट जाती है और उसकी पर्सनैलिटी में भी बदलाव आने लगता है। डिमेंशिया के मरीजों को रोजमर्रा के कामों में भी मुश्किल होने लगती है, जैसे कि छोटी-छोटी चीजें भूल जाना या निर्णय न ले पाना।

डिजिटल डिमेंशिया क्यों होता है?

डिजिटल डिमेंशिया का मुख्य कारण स्मार्टफोन और अन्य डिजिटल उपकरणों का ज्यादा इस्तेमाल है। जब हम बहुत लंबे समय तक मोबाइल, कंप्यूटर या लैपटॉप का इस्तेमाल करते हैं, तो हमारा दिमाग कम सक्रिय हो जाता है। इस स्थिति में दिमाग और शरीर के बीच का तालमेल कमजोर हो जाता है। अगर आप दिन में 4 घंटे से ज्यादा समय तक फोन, लैपटॉप या टैबलेट का इस्तेमाल करते हैं, तो आपको डिजिटल डिमेंशिया होने का खतरा हो सकता है। यह समस्या बच्चों और बड़ों दोनों में समान रूप से देखी जा रही है।

डिजिटल डिमेंशिया के लक्षण

याददाश्त में कमी: व्यक्ति छोटी-छोटी चीजें भूलने लगता है। शब्दों को याद करने में परेशानी: किसी शब्द या बात को याद करने में दिक्कत होती है। मल्टीटास्किंग में समस्या: कई काम एक साथ करने में कठिनाई होती है। फोकस की कमी: छोटे या बड़े काम में ध्यान केंद्रित करने में परेशानी होती है। बच्चों में दिमागी विकास की रुकावट: ज्यादा स्क्रीन टाइम के कारण बच्चों के दिमाग और शारीरिक विकास में रुकावट आती है।

डिजिटल डिमेंशिया से बचाव के तरीके

स्क्रीन से दूरी बनाए रखें: सोने से पहले और सुबह उठने के बाद कुछ समय फोन या किसी अन्य डिजिटल उपकरण को न छुएं। दिमागी खेल खेलें: सुडोकू, शतरंज या मेंटल मैथ जैसे खेल खेलें, जिससे आपका दिमाग सक्रिय रहे। टाइम लिमिट सेट करें: फोन के इस्तेमाल का समय सीमित करें। कई एप्स हैं जो आपको ज्यादा फोन इस्तेमाल करने पर अलर्ट देते हैं। पेपर-पेन का इस्तेमाल करें: ग्रोसरी लिस्ट, फोन नंबर आदि लिखने के लिए पेपर और पेन का इस्तेमाल करें, ताकि आप हर काम के लिए फोन पर निर्भर न रहें। पूरी नींद लें: बिंज वॉचिंग से बचें और अपनी नींद पूरी करें। छुट्टी के दिनों में मूवी देखने की योजना बनाएं, लेकिन नींद से समझौता न करें।

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