जयपुर: राजस्थान में अशोक गहलोत ने महात्मा गांधी के दर्शन के प्रचार-प्रसार के लिए महात्मा गांधी सेवा प्रेरकों की भर्ती को पूरा किया गया था। सेवा प्रेरक शांति और अहिंसा का प्रसार किया करते थे। प्रेरकों को 4500 रुपये मानदेय भी दिया जाता था। 50 हजार पदों के लिए गहलोत गवर्नमेंट ने अगस्त 2023 में आवेदन लिए थे। भजनलाल सरकार के इस निर्णय से 50 हजार युवा बेरोजगार हो सकते है। इससे पहले राजीव गांधी युवा मित्र इंटर्नशिप को बंद कर दिया गया था। इस योजना के बंद होने से भी तकरीबन 50 हजार युवा बेरोजगार हुए। अब दोनों योजनाओं के बंद होने से करीब एक लाख युवाओं पर सीधा प्रभाव पड़ने वाला है। गहलोत सरकार ने की थी प्रेरकों की भर्ती: खबरों का कहना है कि योजना के अंतर्गत शांति एवं अहिंसा विभाग की तरफ से राजस्थान के सभी जिलों के सभी राजस्व ग्रामों एवं शहरी क्षेत्र के सभी वार्डों के लिए महात्मा गांधी सेवा प्रेरक भर्ती भी की गई थी। इसके लिए न्यूनतम आयु 21 साल और अधिकतम आयु 50 साल तक रखने का फैसला किया गया। आयु की गणना 2023 को आधार मानकर की जाने वाली है। भर्ती प्रक्रिया में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को नियमों के अनुसार छूट भी प्रदान की गई। योजना का उद्देश्य महात्मा गांधी के शांति एवं अहिंसा का प्रचार प्रसार करना था। योजना के तहत चयनित अभ्यर्थियों को 4500 रुपये मानदेय भी दिए जाते थे। PCC चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने इस बारें में बोला है कि "महात्मा गांधी सेवा प्रेरकों की भर्ती प्रक्रिया रद्द करना युवाओं के भविष्य पर कुठाराघात है। सेवा प्रेरक का काम अहिंसा, प्रेम और शांति का प्रसार भी करना था। राम लल्ला के प्रति भिखारियों का असीम प्रेम...कईयों ने खोले अपने खजाने 'लड़के ने भरी प्रेमिका की मांग, मिठाई खिलाई', और फिर जो किया वो कर देगा हैरान 'जिनका नाम सीताराम, नहीं जाएंगे अयोध्या धाम'! CPI-M नेता के राम मंदिर के अभिषेक समारोह का निमंत्रण ठुकराने पर VHP का कटाक्ष