क्या अफसर या अथॉरिटी आपके व्हाट्सऐप खाते को एक्सेस कर सकते हैं? यह प्रश्न कई व्यक्तियों के मन में तब अवश्य आया होगा जब एनसीबी ने एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण तथा श्रद्धा कपूर को 2017 के उनके व्हाट्सऐप चैट के आधार पर समन जारी किया था। ये चैट टैलेंट प्रबंधक जया साहा के फ़ोन से प्राप्त हुई हैं। परन्तु प्रश्न यह है कि इन चैट्स को मोबाइल से कैसे फिर से प्राप्त किया गया? कई व्यक्तियों का मानना है कि ऐसा फ़ोन क्लोनिंग के सपोर्ट से किया गया होगा। यह कोई नई विज्ञान या टेक्नोलॉजी नहीं है बल्कि इसका उपयोग तो काफी समय से हो रहा है। वही मोबाइल फोन क्लोनिंग का उपयोग बीते कई वर्षों से हो रहा है। इस तकनीक द्वारा क्लोन किए जा रहे मोबाइल के डेटा एवं सेलुलर आइडेंटिडी को नए मोबाइल फोन में कॉपी किया जाता है। हालांकि, किसी के फ़ोन की क्लोनिंग व्यक्तिगत रूप से नहीं की जा सकती। ऐसा करना गैरकानूनी है। सरकारी अफसर उपभोक्ता के मोबाइल डेटा को एक्सेस करने के लिए कानूनी रूप से फॉरेंसिक से मदद लेते हैं। इस क्रम में इंटरनेशनल मोबाइल स्टेशन उपकरण पहचान नंबर की ट्रांसफरिंग भी होती है। साथ ही फोन क्लोनिंग से कुछ ही देर में फ़ोन का सारा डेटा दूसरे डिवाइस में पहुंच जाते हैं। पहले डेटा कॉपी करने के लिए फ़ोन हाथ में रखना आवश्यक होता था, किन्तु एडवांस तथा डिजिटल हो रही स्मार्टफोन के विश्व में अब ऐसा करने की भी आवश्यकता नहीं रही। सिर्फ ऐप के उपयोग से फोन क्लोनिंग हो सकती है। क्लोनिंग प्रक्रिया पूरा होने के पश्चात्, पुराने मोबइल की व्हाट्सऐप चैट को नए फोन के क्लाउड में उपस्थित रिसेंट बैकअप स्टोर में जाकर एक्सेस कर सकते हैं अथवा फिर आईक्लाउड के गूगल ड्राइव में जाकर भी एक्सेस कर सकते हैं। इसी के साथ ये सुविधा बेहद ही अहम है। Jio ने 22 इंटरनेशनल उड़ानों के लिए शुरू की मोबाइल सर्विस, जारी किए ये प्लान इस दिन लॉन्च होगा OnePlus 8T, मिल सकता है 65W Warp Charge सपोर्ट, जियो लेकर आया खास प्लान, 1 साल के लिए मुफ्त मिलेगी Amazon Prime की मेम्बरशिप