क्या है एनआरसी और क्यों पड़ी इसकी जरूरत ?

हाल ही मे एक खबर आई है कि असम में एनआरसी यानी नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस ने अपनी फाइनल लिस्ट जारी की है जिसमें 40 लाख लोगों को भारतीय नागरिकता नहीं मिली है। इस खबर ने पूरे देश को झकजोर कर रख दिया है और साथ ही ये सोचने पर भी मजबूर किया कि आखिर ये एनआरसी है क्या और इसकी असम मे क्या जरूरत पड़ी ? और यह अन्य राज्यों में क्यों लागू नहीं होती है ? तो आइए हम आपको बताते है एनआरसी से जुड़ी सभी जरूरी जानकारियां।

क्या है एनआरसी? 

दरअसल नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस (एनआरसी) एक सरकारी संस्था है जिसे ये तय करने के लिए स्थापित किया गया था कि भारत मे कितने लोग अवैध तरीके से रह रहे है। जो लोग इसकी लिस्ट मे शामिल ना हो उन्हे अवैध माना जाता है। एनआरसी मे उन भारतीय नागरिकों के नामों को शामिल किया जा रहा है जो 25 मार्च 1971 से पहले असम में रह रहे हैं। उसके बाद राज्य में पहुंचने वालों को बांग्लादेश वापस भेज दिया जाएगा।

दरअसल 1947 में जब भारत पाकिस्तान का बंटवारा हुआ तो कुछ लोग असम से पूर्वी पाकिस्तान यानी बांग्लादेश चले गए थे, लेकिन उनकी जमीन असम में थी और लोगों का दोनों और से आना-जाना बंटवारे के बाद भी जारी रहा। इसके बांग्लादेश से असम में लोगों का अवैध तरीके से आने का सिलसिला जारी रहा। इस कारण वहां पहले से रह रहे लोगों को परेशानियां होने लगीं। जिसके बाद असम में विदेशियों का मुद्दा तूल पकड़ने लगा। इस मामले मे साल 1979 से 1985 के बीच 6 सालों तक असम में एक आंदोलन भी चला था।  

अन्य राज्यों में क्यों लागू नहीं होती है?

एनआरसी उन्हीं राज्यों में लागू होती है जहां अन्य देश के नागरिक भारत में आ जाते हैं। आमतौर पर ये वही राज्य होते है, जो इंटरनेशनल बार्डर से जुड़े होते है।

एनआरसी से जुड़े अहम तथ्य

15 अगस्त 1985 को आसू (ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन) और दूसरे संगठनों के साथ भारत सरकार का समझौता हो गया। जिसके तहत 25 मार्च 1971 के बाद असम आए लोगों की पहचान की जानी थी।

2005 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 1951 के नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजनशिप को अपडेट करने का फैसला किया। उन्होंने तय किया कि असम समझौते के तहत 25 मार्च 1971 से पहले असम में अवैध तरीके से भी दाखिल हो गए लोगों का नाम नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजनशिप में जोड़ा जाएगा। 

2015 में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में आईएएस अधिकारी प्रतीक हजेला को एनआरसी अपडेट करने का काम दे दिया गया।

कैसे देख सकते हैं लिस्ट में अपना नाम? जिसे भी अपना एनआरसी में चेक करना है वो 30 जुलाई से 28 सितंबर तक एनआरसी सेवा केन्द्र जाकर या टोलफ्री नंबर 15107, पर फोन कर अपना नाम चेक कर सकते हैं. इसके साथ ही एनआरसी की वेबसाइट पर भी लिस्ट चेक की जा सकती है.

नाम नहीं होने पर घबराने की जरूरत नहीं  एनआरसी के कोऑर्डिनेटर प्रतीक हजेला ने कहा है कि ड्राफ्ट में जिनके नाम मौजूद नहीं होंगे उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि जिनके नाम नहीं है वो घबराएं नहीं बल्कि संबंधित सेवा केंद्र पर जाएं और वहां मिलने वाले फॉर्म को भरें। ये फॉर्म 7 अगस्त से 28 सितंबर के बीच उपलब्ध होंगे।

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