नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने सदन में एक बार फिर राफेल डील का मुद्दा उछाला है, दरसअल राहुल गाँधी देश की जनता का हवाला देकर सदन में राफेल विमान सौदे का मूल्य पूछ रहे थे, जिसपर रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने यह कहते हुए इंकार कर दिया कि इससे देश कि सुरक्षा नीति को खतरा हो सकता है और ये डील एक गोपनीयता संधि के अंतर्गत की गई है. इस पर राहुल गाँधी ने कहा कि पहले दसॉ एविएशन कंपनी ने 2016-17 की अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा था कि भारत को 36 राफेल विमान 1670 करोड़ रु, प्रति विमान की दर से दिए गए हैं. राहुल गाँधी ने कहा कि फ्रांस ने 11 महीने पहले मिस्त्र और क़तर को भी यही एयर क्राफ्ट बेचे थे लेकिन 1,319 करोड़ रुपये प्रति एयरक्राफ्ट के हिसाब से, भारत सरकार ने राफेल विमान के ज्यादा पैसे चुकाए हैं, जिससे देश को 12,632 करोड़ रुपये की आर्थिक हानि हुई है. गौरतलब है कि पीएम मोदी ने 2015 के अपने फ्रांस दौरे के दौरान 36 राफेल विमानों का आर्डर दिया था. लेकिन राहुल गाँधी ने सरकार पर राफेल डील में घोटाला करने का आरोप लगाया है. राहुल गाँधी ने कहा है कि उन्होंने खुद फ्रांस के राष्ट्रपति से बात की है, लेकिन फ्रांस के राष्ट्रपति ने किसी भी तरह की गोपनीयता संधि की बात को नाकारा है. हालाँकि कल संसद में हंगामा होने के बाद फ्रांस ने अपना बयान जारी करते हुए कहा है कि सौदे को लेकर दोनों देश सुचना को गोपनीय रखे ये करार किया गया था. 2008 में किये गए इस सौदे पर फ्रांस सरकार ने कहा कि हम हर चीज सार्वजनिक नहीं कर सकते. ख़बरों के अनुसार ये लड़ाकू विमान 2019 में भारतीय वायु सेना में शामिल होंगे, जिससे भारतीय वायुसेना की शक्ति और भी बढ़ जाएगी. संबंधित खबरें :- उजागर हुआ राहुल का राज संसद में क्यों मारी थी आंख राहुल की झप्पी के मुरीद हुए रामदेव राहुल-मोदी के मिलन पर शिवसेना की चुटकी कहा- भाई तू तो छा गया...