कैंसर होने का कोई एक खास स्पष्ट कारण नहीं है. यह कारण जेनेटिक, लाइफस्टाइल से जुड़े भी हो सकते है. बच्चों को भी कैंसर हो जाता है. मगर इसका निदान व इलाज बड़ो के कैंसर से अलग होता है. बच्चो को कैंसर होने पर सेल्स की बढ़त कंट्रोल के बाहर हो जाती है. इनका आकार सामान्य नहीं होता है. बच्चे को कैंसर होने पर उनके शरीर में न्युट्रिन की खपत भी बढ़ने लगती है. कैंसर में बच्चे को बुखार, ग्लेंड में सूजन व खून की कमी हो जाती है. जिन लोगो की लाइफस्टाइल सही नहीं होती है उनमे कैंसर का खतरा अधिक होता है. फैमिली हिस्ट्री, जेनेटिक कारणों से बच्चो में कैंसर के लक्षण दिखाई दे सकते है. जरूरी नहीं कि बाहरी तत्व बच्चो में कैंसर के जिम्मेदार हो, अंदरूनी तत्व भी जिम्मेदार हो सकते है. पेरेंट्स से बच्चे को कुछ असामान्य जींस मिलते है तो यह कैंसर के खतरे को दस प्रतिशत तक बढ़ा देते है. जिन बच्चो की इम्युनिटी कम होती है, उन्हें कोई भी बीमारी जल्दी घेर लेती है. पेस्टीसाइड. फर्टिलाइजर व पॉवर लाइन्स का बच्चो में कैंसर से सीधा संबंध है. इन रसायनो के सम्पर्क में आने से बच्चो में कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. ये भी पढ़े सेहत के लिए फायदेमंद है सोंठ का इस्तेमाल शरीर को बीमारियों से बचाएंगे बैगनी चावल सर दर्द की समस्या से छुटकारा दिलाते है लौंग और नमक