सिकल सेल डिसऑर्डर एक आनुवंशिक रक्त विकार है जो लाल रक्त कोशिकाओं को प्रभावित करता है, उनके सामान्य गोल, लचीले आकार को अर्धचंद्राकार या सिकल जैसी आकृति में बदल देता है। स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाएँ पूरे शरीर में ऑक्सीजन पहुँचाने के लिए महत्वपूर्ण होती हैं। हालाँकि, सिकल सेल डिसऑर्डर में, लाल रक्त कोशिकाओं का असामान्य आकार इस ऑक्सीजन वितरण प्रक्रिया में बाधा डालता है। यह स्थिति विभिन्न स्वास्थ्य जटिलताओं की ओर ले जाती है, जिसमें दर्द के दौरे, थकान और संक्रमण के प्रति संवेदनशीलता में वृद्धि शामिल है। सिकल सेल डिसऑर्डर के लक्षण- -सिकल सेल रोग का सबसे आम लक्षण है, हड्डियों, मांसपेशियों,पेट या पीठ में अचानक तेज दर्द महसूस होना। -लोगों को अकसर थकान और कमजोरी महसूस होना। -सिकल सेल रोग रेड ब्लड सेल्स को नष्ट कर देता है, जिससे एनीमिया रोग होता है। इससे पीड़ित मनुष्य को त्वचा में पीलापन, सांस लेने में तकलीफ और चक्कर आने की समस्या हो सकती है। -सिकल सेल रोग वाले लोगों में संक्रमण का खतरा ज्यादा बना रहता है। हाथों और पैरों में सूजन प्यूबर्टी या प्रौढ़ता आने में देरी सिकल सेल डिसऑर्डर के उपाय- सिकल सेल रोग एक जेनेटिक बीमारी होने के कारण पूरी तरह से ठीक नहीं की जा सकती है। इस बीमारी की गिरफ्त में आने वाले बच्चे को जन्म के तुरंत पश्चात् वैक्सीन दी जाती है। परिवार में सिकल सेल रोग का इतिहास होने पर आप जेनेटिक टेस्ट करवा सकते हैं। इसके अतिरिक्त इस बीमारी के उपचार में एंटीबायोटिक्स, इंट्रावीनस फ्लूइड, नियमित रूप से खून चढ़ाना एवं कई बार सर्जरी की भी आवश्यकता पड़ती है। इस बीमारी की उचित देखरेख की जाए तो सिकल सेल रोग को मैनेज किया जा सकता है। कितने घंटे और उम्र के हिसाब से कितनी करनी चाहिए एक्सरसाइज? जानिए WHO की राय स्वाद ही नहीं त्वचा का निखार भी बनाए रखता है शहतूत का जैम, जानिए कैसे बनाएं? अगर आपको घर पर नंगे पैर चलने की आदत है तो आज ही करें, नहीं तो बिन बुलाए बीमारियां आ जाएंगी आपके घर