बर्लिन: जर्मनी की राजधानी बर्लिन में एक बार फिर हजारों वैक्सीन-विरोधी (Anti-Vaccine) और कोरोना महामारी को महज साजिश (Covid conspiracy) मानने वाले लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हाथापाई भी हुई. बता दें कि जर्मनी में लॉकडाउन को लेकर भी प्रदर्शन किए जा रहे हैं. पुलिस ने बताया कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन में घुसने की कोशिश की और पुलिस अधिकारियों से भिड़ गए. इस दौरान चार पुलिसकर्मी जख्मी भी हो गए. पुलिस ने बताया कि 50 लोगों को पुलिस के साथ हिंसा करने के जुर्म में हिरासत में लिया गया. दरअसल, जर्मनी ‘क्वेरडेनकर आंदोलन’ ने उन सभी लोगों को एक छत के नीचे ला दिया है, जो टीकाकरण के विरोधी, कोरोना महामारी को नकारने वाले और कट्टरपंथी विचारधारा वाले लोग हैं. सरकार ने सीमित तादाद में एक प्रदर्शन की अनुमति दी थी. लेकिन प्रदर्शनकारी बड़ी संख्या में पहुंचकर विरोध जताने लगे. इस दौरान सरकार द्वारा उठाए जाने वाले कदमों को लेकर उनकी आलोचना की गई. वहीं, राजधानी में इस प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए थे. 2000 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था, किन्तु इसके बाद भी प्रदर्शनकारियों ने जमकर उत्पात मचाया. क्या है कोविड कांस्पिरेसी थ्योरी? कोरोना वायरस महामारी और उसके बाद टीकाकरण की शुरुआत होने के बाद ही कई प्रकार थ्योरी देखने को मिली हैं. इन थ्योरी को ऑनलाइन फैलाया जा रहा है. इन थ्योरी में कहा गया है कि कोविड केवल फ्लू की तरह होने वाली बीमारी है. टीके को लेकर कहा जा रहा है कि इससे गर्भपात और बांझपन का खतरा है. कुछ लोगों ने तो कोरोना महामारी को 5जी टेक्नोलॉजी से लिंक कर दिया है. वहीं, ऐसे भी लोगों की कमी नहीं है, जिनका कहना है कि जिन लोगों को कोरोना संक्रमण नहीं हुआ है, उन्हें वैक्सीन लगवाने की आवश्यकता नहीं है. हालांकि, इन बातों का कोई वैज्ञानिक सबूत नहीं हैं और ऐसी बातें करने वाले लोगों की स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने आलोचना की है. सीरिया के राष्ट्रपति ईरान के विदेश मंत्री के साथ आर्थिक सहयोगपर करेंगे विचार 'इस्लाम में संगीत की मनाही है...', घर से निकालकर लोक गायक को तालिबान ने मारी गोली सिंगापुर सरकार भविष्य के लिए नई वृद्धि, रोजगार, समृद्धि पैदा करेगी: प्रधानमंत्री