पीएम मोदी द्वारा लगाया गया 21 दिन का लॉकडाउन आज समाप्त हो रहा है. वही, ओडिशा, पंजाब, महाराष्ट्र, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक ने कोरोना वायरस महामारी के कारण लॉकडाउन को 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्र सरकार 21 दिन के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन को दो सप्ताह के लिए बढ़ाने पर भी विचार कर रही है। यदि राज्य अपने स्तर पर राज्यों में लॉकडाउन की घोषणा कर सकते हैं, तो यह सवाल उठता है कि केंद्र और राज्य के लॉकडाउन लगाने में क्या अंतर है और कौनसा लॉकडाउन जरूरी है। यदि केंद्र और राज्य सरकार के मध्य टकराव की स्थिति हो तो क्या होगा? पंजाब सरकार के बिगड़े हाल, जल्द करेगी इस बात का एलान राज्यों द्वारा लॉकडाउन आपकी जानकारी के लिए बता दे कि संविधान के अनुसार, कानून और व्यवस्था के साथ ही सार्वजनिक स्वास्थ्य जैसे विषय राज्य सरकार के लिए रखे जाते हैं, जिसका अर्थ है कि राज्य दोनों से संबंधित कदम उठा सकते हैं। इसके अतिरिक्त, महामारी रोग अधिनियम, 1897 के तहत कई राज्यों ने लॉकडाउन का आदेश दिया है, जो उन्हें बीमारी के प्रकोप और प्रसार को रोकने के लिए अस्थायी नियमों को प्रस्तुत करने का अधिकार देता है। लुधियाना में बढ़ी पीड़ितों की संख्या, ACP समेत पंजाब में नौ और मिले कोरोना पॉजिटिव केंद्र सरकार का लॉकडाउन इसके अलावा केंद्र सरकार ने 24 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन का आदेश देने के लिए राज्यों द्वारा लागू लॉकडाउन में एकरूपता की कमी का हवाला दिया था। लॉकडाउन का आदेश राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के जरिए दिया गया था, आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 6 (2) (आइ) के तहत इसका नेतृत्व प्रधानमंत्री करते हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एनडीएमए के आदेश की अनुपालना में इस अधिनियम की धारा 10 (2) (एल) के तहत 21 दिन के लॉकडाउन के आदेश जारी किए। संभावना है कि लॉकडाउन के विस्तार के लिए भी यही समान प्रक्रिया अपनाई जाएगी। कुछ ही देर में पीएम मोदी करेंगे राष्ट्र को संबोधित, फिर बढ़ सकता है लॉकडाउन अर्थी पर लिटाते ही जाग उठा मृत, फिर कही चौकाने वाली बात बेटे को हुआ कोरोना तो माता पिता ने किया यह काम, पुलिस भी हुई हैरान