लगभग हर प्रकार की बाइक और कार की इंजन क्षमता को CC के माध्यम से दर्शाया जाता है। जो कि बहुत से लोगों के लिए कंफ्यूजन का कारण भी बनता जा रहा है। क्योंकि इसके कम अधिक होने पर वाहन के माइलेज, परफॉर्मेंस और कीमत पर भी पर भी प्रभाव भी पड़ने लगा है। अब लेकिन इसका मतलब क्या होता है यह बहुत ज़रूरी प्रश्न है। तो चलिए जान लेते है क्या होता है इसका मतलब? क्या होता है CC?: गाड़ियों के इंजन क्षमता के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला टर्म CC का मतलब होता है क्यूबिक कपैसिटी। जिससे उस इंजन के अधिकतम पावर आउटपुट का पता चलता है। इंजन के चैंबर के क्यूबिक सेंटीमीटर के माप को CC कहा जाता है। बाइक में दो या चार कंबसन चैंबर वाले इंजन का इस्तेमाल किया जाता है। इंजन में जितने ज्यादा सीसी होंगे उतनी ही ज्यादा पॉवर एक बार में जेनरेट होती है। वाहन के परफॉर्मेंस पर भी पड़ता है असर: क्यूबिक कपैसिटी (CC) का संबंध गाड़ी के प्रदर्शन पर भी पड़ता है। किसी वाहन का इंजन कितने फ्यूल की खपत भी कर रहा है और कितना पॉवर और टॉर्क जेनरेट करने का काम करता है, यह इंजन के cc पर निर्भर करता है। अधिकतर कम्यूटर मोटोसाइकिल में 90cc से 110cc के इंजन का उपयोग किया जाता है। ऐसी बाइक का उपयोग डेली की सामान्य जरूरतों के लिए किया जा रहा है। जबकि एक स्पोर्ट्स बाइक के लिए अधिक पॉवर वाले इंजन की आवश्यकता जरुरी है, इसकी क्षमता 350cc से 650cc के बीच होती है। कितने CC की बाइक आपके लिए है सही?: किसी भी बाइक को चुनने से पहले आपको अपनी आवश्यकता को समझना चाहिए। जैसे यदि आपको सामान्य इस्तेमाल के लिए एक बाइक चाहिए तो आपको कम cc वाली कम्यूटर बाइक को चुनना जरुरी है। लेकिन यदि आपको ज्यादा परफॉर्मेंस वाली एक बाइक चाहिए तो आपको ज्यादा cc वाले स्पोर्ट्स बाइक का चुनाव करना जरुरी है। क्या आपका भी बजट है लाखो में तो ये है कार के कुछ बेस्ट विल्कप आज ही खरीद लें अब तक का सबसे सस्ता इलेक्ट्रिक स्कूटर धमाकेदार फीचर्स के साथ बाजार में आई ये नई कार