आखिर क्यों विदेश के लोग संस्कृत में लिखी इस लाइन का बनवाते हैं टैटू, जानिए वजह

अक्सर आपने कई बार ऐसी फोटोज तथा वीडियो देखी होंगी, जिनसे पता चलता है कि संस्कृत एवं हिंदी का क्रेज दूसरे देशों में बढ़ रहा हैं। कई विदेशी लोग ना केवल भारतीय परिधान को अपना रहे हैं, जबकि कई व्यक्ति तो हिंदी एवं संस्कृत सीख भी रहे हैं। वहीं, इनमें अधिक कॉमन है टैटू। ऐसे स्टार्स की बहुत लंबी लिस्ट है, जिन्होंने हिंदी या संस्कृत में टैटू बनवा रखे हो। विदेश में कई व्यक्तियों ने देवनागरी में टैटू बनवा रखे हैं, जिसमें कई नामचीन स्टार्स भी सम्मिलित हैं।

ऐसा ही एक टैटू अक्सर ट्रेंड में रहता है तथा वो है ‘अनुगच्छतु प्रवाह’। भारत में कई व्यक्तियों ने ‘अनुगच्छतु प्रवाह’ का टैटू बनवा रखा है तथा इस टैटू का ट्रेंड विदेश में भी है। लोकप्रिय अमेरिकन गायक तथा सॉन्ग राइटर केटी पेरी ने भी ‘अनुगच्छतु प्रवाह’ लिखा हुआ टैटू बनवा रखा है तथा उनके इस टैटू की कई फोटोज सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी हैं। ऐसे में जानते हैं आखिर इस लाइन का क्या अर्थ है, जिसे लोग अपने शरीर पर गुदवाना पसंद कर रहे हैं।

रसेल मैडिटेशन, ‘हरे कृष्णा’ ग्रुप से जुड़े होने के कारण भारत में भी बहुत मशहूर हैं। वर्ष 2010 में उन्होंने पॉप स्टार केटी पैरी से राजस्थान आकर हिंदू रीति-रिवाज के मुताबिक शादी की थी। इसके अतिरिक्त वो कई बार हिंदू त्यौहारों को भी सेलिब्रेट करते दिखाई देते हैं। यदि ‘अनुगच्छतु प्रवाह’ के अर्थ की बात करें तो इसका मतलब है प्रवाह के साथ बढ़ना मतलब फ्लो में आगे बढ़ते रहना। अब लोगों को यह बहुत पसंद आ रहा है तथा कई लोग टीशर्ट या टैटू के माध्यम से इसे जिंदगी का भाग बना रहे हैं।

मेगन मार्कल और प्रिंस हैरी के घर आई नन्ही परी

लियाम नीसन के जन्मदिन पर देखें उनकी सुपरहिट फ़िल्में

एशले रॉबर्ट्स ने कहा- मुझे आदमी की जरूरत नहीं..."

Related News