नई दिल्ली: चांद के पश्चात् भारत अब सूरज की तरफ देख रहा है। चंद्रयान-3 फिलहाल चंद्रमा के राज जानने में व्यस्त है। शनिवार को सूर्य के सीक्रेट्स पता करने आदित्य-L1 को भेजा जाएगा। श्रीहरिकोटा के लॉन्चिंग सेंटर से आदित्य-L1 मिशन को पेश किया जाएगा। ISRO ने लॉन्च की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा कि इसरो सौर मिशन ‘आदित्य-एल1’ के लॉन्च के लिए तैयार है। रॉकेट और सैटेलाइट रेडी हैं। हमने लॉन्च के लिए अभ्यास भी पूरा कर लिया है। काउंटडाउन भी शुक्रवार प्रातः 11.50 बजे आरम्भ कर दिया गया है। यह भारत का पहला सूर्य मिशन है। वैज्ञानिक से जानिए, क्‍या-क्‍या करेगा आदित्य-L1:- आदित्य-एल1 मिशन के उद्देश्‍य क्‍या हैं:- इसरो के मुताबिक, आदित्य-एल1 मिशन के प्रमुख उद्देश्य इस तरह हैं: * सूर्य के ऊपरी वायुमंडल (किरणोत्सर्जन और कोरोना) के गतिकी का अध्ययन। * क्रोमोस्फीयर और कोरोना की हीटिंग, आंशिक रूप से आयनित प्लाज्मा के भौतिकी, कोरोनल मास इजेक्शन और फ्लेयर्स की शुरुआत का अध्ययन। * सूर्य से कण गतिशीलता के अध्ययन के लिए डेटा प्रदान करने वाले इन-सिटू कण और प्लाज्मा वातावरण का निरीक्षण करें। * सौर कोरोना और इसकी हीटिंग तंत्र का भौतिकी। * कोरोनल और कोरोनल लूप्स प्लाज्मा का निदान: तापमान, वेग और घनत्व। * सीएमई का विकास, गतिशीलता और उत्पत्ति। * उन प्रक्रियाओं के अनुक्रम को पहचानें जो कई परतों (क्रोमोस्फीयर, आधार और विस्तारित कोरोना) में होते हैं जो अंततः सौर विस्फोटक घटनाओं की तरफ ले जाते हैं। * सौर कोरोना में चुंबकीय क्षेत्र टोपोलॉजी और चुंबकीय क्षेत्र माप। * अंतरिक्ष मौसम के चालक (सौर हवा की उत्पत्ति, संरचना और गतिशीलता)। क्‍या है आदित्य-L1 मिशन, कब और कहां से होगा लॉन्च? INDIA गठबंधन की बैठक में किया गया 13 सदस्यों की कोऑर्डिनेशन कमेटी का गठन, इन नेताओं को मिली जगह 'हिन्दुस्तान हिंदू राष्ट्र है, यह सत्य है और RSS यह करेगा': मोहन भागवत