आप सभी को बता दें कि वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन अक्षय तृतीया का पर्व पूरी धूम धाम के साथ मनाया जाता है. ऐसे में इस साल 7 मई के दिन अक्षय तृतीया का पर्व मनाने के लिए सभी तत्पर हैं और इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा का दिन है लेकिन इसके अलावा इस दिन को मनाने के 7 कारण अन्य भी हैं, जिस कारण से इस दिन को खास माना जाता है. जी हाँ, आइए जानते हैं उनके बारे में. अक्षय तृतीया मनाने के कारण - # कहा जाता है शास्त्रों के अनुसार इस दिन के लिए माना जाता है कि इस दिन से सतयुग और त्रेतायुग का आरम्भ हुआ. # आपको बता दें कि अक्षय तृतीया के दिन से अगर कोई जप, तप, ज्ञान और दान का काम शुरु करता है तो उसे इसका अक्षय फल मिल जाता है. # आप सभी को बता दें कि अक्षय तृतीया के दिन भगवान ब्रदीनारायण के पट खुलते है. # इसी तरह अक्षय तृतीया के दिन के लिए माना जाता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से पापों का अंत होता है व यह दिन शुभ कार्य करने का दिन होता है. # कहते हैं अक्षय तृतीया के दिन वृंदावन के श्री बांकेबिहारी जी मंदिर में साल में एक बार श्री विग्रह के चरण दर्शन होते हैं और इसी के साथ पूरे साल बांकेबिहारी जी को कपड़ों से ढक के रखा जाता हैं. # कहते हैं अक्षय तृतीया के दिन नर-नारायण ने अवतार लिया था, जिस कारण से इस दिन का विशेष महत्व है. # मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन भगवान परशुराम का जन्म हुआ था.इस दिन परशुरामजी की पूजा की जाती है. # ऐसी भी मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन के लिए माना जाता है कि इस दिन हयग्रीव का भी अवतार हुआ था. कालाष्टमी पर इस आरती से करें भैरव बाबा को खुश भाई कार्तिकेय ने बनाया था भगवान गणेश को एकदन्त जल्द विवाह के लिए भोलेनाथ को चढ़ाये यह फूल