किस वजह से बढ़ रहा युवाओं में डिमेंशिया के कारण

डिमेंशिया एक गंभीर मानसिक स्थिति है जिसमें दिमाग की कार्यक्षमता धीरे-धीरे कमजोर हो जाती है। यह बीमारी विशेष रूप से उम्रदराज लोगों को प्रभावित करती है और इसके कारण व्यक्ति की याददाश्त, निर्णय लेने की क्षमता, और रोजमर्रा की गतिविधियों में कठिनाई होने लगती है। आइए जानते हैं इस बीमारी के लक्षण, कारण और इससे बचने के उपाय।

डिमेंशिया के लक्षण याददाश्त कमजोर होना: मरीज को हाल की घटनाओं और जानकारियों को याद रखने में कठिनाई होती है। निर्णय लेने की क्षमता कम होना: दिन-प्रतिदिन के निर्णय लेना भी मुश्किल हो जाता है। व्यवहार बदलना: मरीज का व्यवहार अचानक बदल सकता है, जिससे उनके आसपास के लोग परेशान हो सकते हैं। रोजमर्रा के काम करने में परेशानी: सामान्य कामकाज जैसे खाना बनाना या कपड़े पहनना भी कठिन हो जाता है। बोलने और समझने में दिक्कत: बातचीत करने या कुछ समझने में समस्याएं आती हैं। आसपास के लोगों और रास्तों को पहचानने में दिक्कत: मरीज को अपने परिचित स्थान और लोगों को पहचानने में मुश्किल होती है। डिमेंशिया की गलतफहमी

हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, अक्सर हम सभी कुछ बातें भूल जाते हैं जैसे किसी का नाम या कोई सामान रखकर भूल जाना। यह आम बात है और इसे डिमेंशिया समझने की गलती नहीं करनी चाहिए। ऐसी स्थिति आमतौर पर एकाग्रता की कमी से होती है, न कि डिमेंशिया से।

दिमागी स्वास्थ्य पर बैठने की आदत का असर

ज्यादा देर तक बैठने की आदत भी मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल सकती है। शोधकर्ताओं के अनुसार, ज्यादा देर तक बैठने से दिमाग का वह हिस्सा प्रभावित होता है जहां नई यादें रखी जाती हैं। UCLA के शोधकर्ताओं ने पाया है कि यह आदत दिमाग को डिमेंशिया जैसा बना सकती है।

युवाओं में डिमेंशिया के कारण

डिमेंशिया सिर्फ उम्रदराज लोगों को ही प्रभावित नहीं करता, बल्कि युवाओं में भी इसके कई कारण हो सकते हैं:

स्ट्रोक: दिमाग में खून का थक्का जमने से दिमाग को नुकसान होता है। डायबिटीज: शुगर लेवल का अनियंत्रित होना भी दिमागी समस्याओं का कारण बन सकता है। विटामिन डी की कमी: विटामिन डी की कमी से भी मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। सामाजिक रूप से अलग रहना: सामाजिक संपर्क की कमी मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है। शराब पीना: अत्यधिक शराब का सेवन भी दिमागी समस्याओं का कारण हो सकता है। ऑर्थोस्टैटिक हाइपोटेंशन: खड़े होते समय अचानक रक्तचाप का कम होना भी मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव डाल सकता है। दिल की बीमारियां: दिल की बीमारियां दिमागी स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती हैं। स्ट्रेस या तनाव: उच्च स्तर का तनाव मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है। सुनने की क्षमता कम होना: सुनने में कठिनाई भी डिमेंशिया के खतरे को बढ़ा सकती है। सी-रिएक्टिव प्रोटीन का बढ़ना: यह प्रोटीन सूजन का संकेत देता है, जो दिमागी स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। डिमेंशिया के खतरे को कम करने के उपाय

डिमेंशिया से बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:

वजन नियंत्रित रखें: अधिक वजन से बचें और स्वस्थ वजन बनाए रखें। धूम्रपान और शराब से बचें: इन आदतों को छोड़ें, क्योंकि ये मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती हैं। नियमित एक्सरसाइज करें: नियमित शारीरिक गतिविधियां दिमागी स्वास्थ्य को बेहतर बनाती हैं। सोशल एक्टिविटी बनाए रखें: सामाजिक रूप से सक्रिय रहना दिमाग को सक्रिय रखता है। अकेले रहने से बचें: अकेलेपन से बचें और परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताएं। एयर पॉल्यूशन से बचें: वायु प्रदूषण से बचने के उपाय करें। दिमाग को सक्रिय रखें: मानसिक खेल और पहेलियाँ हल करें, जो दिमाग को सक्रिय रखती हैं। क्रॉनिक हेल्थ कंडीशंस को कंट्रोल करें: डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखें।

इन सरल उपायों को अपनाकर आप डिमेंशिया के खतरे को कम कर सकते हैं और अपने मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।

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