यदि आप भी अपने जीवन में परेशानियों से ग्रसित है तो आप भगवान शिव की शरण में जाइए क्योंकि भगवान शिव भोले भंडारी है जो सभी के कष्टों और परेशानियों को शीघ्र ही समाप्त कर देते है. इसके लिए आप सोमवार के दिन भगवान शिव का व्रत रखकर उनकी पूजा कीजिये जो आपके सभी कष्टों को दूर करेंगे. भगवान शिव त्रिदेवो में एक है जिन्हें महाकाल भी कहा जाता है जो संहार के देवता है. भक्त इनकी पूजा इनके दोनों रूपों में करते है जो योगी और शिवलिंग का रूप होता है. आज हम आपको भगवान शिव से जुड़ी कई बातें बताएँगे जिन्हें जानना चाहते है. शिव ही सत्य है ”सत्यम शिवम् सुन्दरम” ये शिव का ही नाम है इसका अर्थ शिव ही सत्य है, शिव ही सुन्दर है. भगवान शिव आदि देव है, जिनका न तो अंत है और न ही आरम्भ, जो शून्य है और जिसमे सम्पूर्ण ब्रम्हांड समाया है. जिनकी और व ऊष्णता शक्ति ने सभी ग्रहों को एकत्रित किया है. भगवान शिव की अष्टमूर्ति क्षितिज मूर्ति – सर्व जल मूर्ति – भाव अग्नि मूर्ति – रूद्र वायु मूर्ति – उग्र आकाश मूर्ति – भीम यजमान मूर्ति – पशुपति चन्द्र मूर्ति – महादेव सूर्य मूर्ति – ईशान शिवलिंग क्या है? शिवलिंग भगवान शिव का आदि – अनादी स्वरुप है जो निराकार परमपुरुष का प्रतीक है. इसी विषय पर स्कन्द पुराण में लिखित है की आकाश ही लिंग है तथा पृथ्वी उसका आधार और सभी अनन्त शून्य से उत्पन्न होकर उसी में विलीन होने के कारण ही इसे लिंग माना जाता है. भगवान शिव व माता पार्वती शिव और शक्ति एक ही है जो प्रकृति की समानता का गुण है इसके अनुसार संसार में स्त्री और पुरुष दोनों एक सामान है बिना इन दोनों के संसार नहीं चल सकता. शिवलिंग का महत्व हमारे शास्त्रों में कहा गया है की जो व्यक्ति किसी पवित्र नदी या तीर्थ की मिट्टी का शिवलिंग बनाकर उसकी विधि पूर्वक पूजा करता है तो वह लिंग शिव स्वरुप माना जाता है और उस व्यक्ति की सभी मनोकामना पूर्ण होती है. इस धातु का छल्ला पहनने से होता है फायदा शादी के लिए परफेक्ट होती है इन राशियों वाली लड़कियां वास्तु के अनुसार जान लें गर्भवती स्त्री क्या करे और क्या न करे? क्या आप जानते हैं घर में रंगो का संतुलन सकारात्मक ऊर्जा प्रभावित करता है