हिन्दू धर्म के मुताबिक धार्मिक कार्यकर्मो में अक्सर उपवास को मान्यता दी गयी है, उपवास रखते समय गेंहू, चावल, मसाले इत्यादि का त्याग कर सिर्फ दूध, दही और फल का सेवन किया जाता है, लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है कि उपवास के समय सिर्फ फल की ही क्यों मान्यता है तथा उपवास के समय फल को ही क्यों खाया जाता है? आईये इस बारे में जानते है. उपवास रखने का कारण सिर्फ देवी देवताओं को प्रसन्न करना ही नहीं बल्कि उपवास रखने से दिमाग और शरीर दोनों ही स्वस्थ रहते है इसके आलावा भी जायेकेदार खाने को त्यागकर समर्पण देखा जाता है और निश्चित समय पर पानी या चीज़े ग्रहण करना अनुशासन होता है. व्रत के दौरान सभी सुख सुविधाओं की मोह माया को त्यागकर उसके इस्तेमाल से परहेज करना और अनुशासन के बारे में बताया जाता है, इस दौरान फिर अगर फल या दूध का सेवन करना चाहे तो कर सकते है, क्योंकि इन चीजो का तो भगवान को भी भोग लगाया जाता है. उपवास के दौरान अनुष्ठान करवाने से शरीर में पैदा हुए जहरीले पदार्थो को ख़त्म किया जा सकता है. और इसके अलावा भी तुलसी जल ग्रहण करने से शरीर की शुद्धता बढ़ जाती है. उपवास के दिन जिस भगवान का व्रत रखते हो उनका ध्यान करना चाहिए ऐसे में मन की एकाग्रता बढती है अगर हो सके तो उस दिन गरीबो में दान करना चाहिए. उपवास के दिन पेट भरकर फल फ्रूट या दूध नहीं पीना चाहिए, नहीं तो ऐसे में हमारा ध्यान अपने प्रभु के ऊपर से भटक सकता है. दुःख के समय रखें इन बातों का ध्यान, मन हल्का रहेगा शादी-विवाह में आने वाली हर बाधाएं दूर करेंगे ये उपाय ये उपाय व्यक्ति के वैवाहिक जीवन को सुखों से भर देते है सपने में आ जाये अगर सांप तो हो जाओ सावधान