नई दिल्ली: सर्वोच्च न्ययालया ने शुक्रवार को हेट क्राइम व मॉब लिंचिंग के पीड़ितों को मुआवजा राशि देने के लिए समान नीति बनाने और लागू करने की मांग वाली जनहित याचिका पर केंद्र और राज्य सरकारों को नोटिस भेजकर जवाब तलब किया है. अदालत इस मामले में सुनवाई करने के लिए राजी हो गई है. शीर्ष अदालत ने 8 सप्ताह में केंद्र और राज्य सरकारों से जवाब देने को कहा है. दरअसल, जनहित याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार शीर्ष अदालत के पूर्व में दिए गए फैसले के मुताबिक, मौजूदा पीड़ितों की मुआवजा योजनाओं को उपयुक्त रूप से संशोधित करे, ताकि हेट क्राइम और मॉब लिंचिंग के पीड़ितों को उचित मुआवजा प्रदान किया जा सके. बता दें कि, तहसीन पूनावाला फैसले में जारी दिशानिर्देशों में पीड़ितों के लिए मुआवजा योजना को लागू करने के तरीके को तय किया गया था. इसमें शारीरिक चोट की प्रकृति, मनोवैज्ञानिक चोट और कमाई के नुकसान समेत अन्य पहलुओं पर विचार करने के लिए कहा गया था. बता दें कि, इस साल फरवरी में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में हेट क्राइम के लिए कोई स्थान नहीं है और ऐसे अपराधों से लोगों की रक्षा करना राज्यों का प्राथमिक कर्तव्य है. न्यायमूर्ति के.एम. जोसेफ और न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्न ने कहा था कि हेट स्पीच पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता. बिहार में शराबबंदी पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने उठाए सवाल, जानिए क्या कहा ? इस आदमी से इतना प्रतिशोध क्यों ? मनीष कश्यप पर NSA लगाने को लेकर CJI ने सिब्बल से पुछा सवाल अंतरिक्ष में पहुँचने से पहले ही फट गया एलन मस्क की कंपनी SpaceX से लॉन्च हुआ रॉकेट, देखें वीडियो