डिलीवरी के बाद महिलाओं के लिए खास ध्यान रखना आवश्यक है, न केवल अपनी सेहत बल्कि नवजात शिशु की सेहत के लिए भी। नई मां बनने के बाद महिलाओं को विशेष आहार की आवश्यकता होती है, जिससे वे जल्दी ठीक हो सकें और अपने बच्चे की देखभाल सही तरीके से कर सकें। यहां हम आयुर्वेद के अनुसार डिलीवरी के बाद की डाइट पर ध्यान देंगे। 1. मानसिक स्वास्थ्य का महत्व डिलीवरी के बाद सबसे महत्वपूर्ण है कि महिलाएं खुद को खुश रखें। बच्चे के साथ शुरुआती समय का आनंद लें और अच्छे मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखें। खुश रहने से तनाव कम होता है और मां और बच्चे दोनों की सेहत पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। 2. पानी का सेवन साफ और उबला हुआ पानी पीना अत्यंत आवश्यक है। पानी की कमी से शरीर में कमजोरी आ सकती है और सही हाइड्रेशन से शरीर की रिकवरी बेहतर होती है। नई मां को नियमित रूप से पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए। 3. हर्ब्स का सेवन देसी हर्ब्स जैसे अजवाइन, जीरा, सौंफ, मुलेठी और शताबरी को डाइट में शामिल करना फायदेमंद है। ये हर्ब्स ओवरी, यूट्रस और डाइजेस्टिव सिस्टम की सफाई में मदद करते हैं और मां को ताकत भी देते हैं। ये हर्ब्स शरीर को पुनः ऊर्जा प्रदान करते हैं और दूध के उत्पादन को भी बढ़ाते हैं। 4. पौष्टिक भोजन पौष्टिक आहार मां और बच्चे दोनों के लिए जरूरी है। मां को डिलीवरी के बाद पर्याप्त ताकत और पोषण की जरूरत होती है। दलिया, दूध (केसर, हल्दी, या काली मिर्च के साथ) और ड्राई फ्रूट्स जैसे मुनक्का और बादाम को डाइट में शामिल करें। चीनी की जगह प्राकृतिक स्वाद बढ़ाने वाले तत्व जैसे केसर और हल्दी का उपयोग करें। 5. ड्राई फ्रूट्स डिलीवरी के बाद रोजाना भिगोकर रखे गए ड्राई फ्रूट्स का सेवन करें। ये शरीर को आवश्यक ऊर्जा और पोषण प्रदान करते हैं, जिससे मां की सेहत में सुधार होता है और बच्चे को भी लाभ होता है। 6. गैस और अपच से बचाव कुछ खाद्य पदार्थ जैसे चने की दाल, उड़द की दाल, और राजमा गैस और अपच का कारण बन सकते हैं। इनसे बचने के लिए, हर्ब्स जैसे सौंफ, जीरा और अजवाइन का सेवन करें जो डाइजेशन को सुधारते हैं और कैल्शियम प्रदान करते हैं। 7. हरी सब्जियां हरी पत्तेदार सब्जियों जैसे गाजर, पालक, और धनिया का सेवन नियमित रूप से करें। ये सब्जियां विटामिन और खनिजों से भरपूर होती हैं जो मां की सेहत के लिए जरूरी हैं। घी का प्रयोग भी लाभकारी है, लेकिन ध्यान रखें कि इसका प्रयोग संतुलित मात्रा में करें। 8. तेल और घी का चयन देसी घी का उपयोग फायदेमंद होता है, लेकिन तेल का प्रयोग कम करें। अधिक तेल के सेवन से शरीर में चर्बी बढ़ सकती है, जिससे वजन बढ़ सकता है और स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। नई मां के लिए सही खानपान और आहार की सावधानी रखना बहुत जरूरी है। आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से, हर्ब्स, पौष्टिक भोजन, और सही पानी की मात्रा से मां की सेहत में सुधार होता है और बच्चे को भी उचित पोषण मिलता है। सही आहार के माध्यम से मां अपनी सेहत को बेहतर बना सकती है और अपने बच्चे की देखभाल बेहतर तरीके से कर सकती है। इम्यूनिटी बूस्ट करके गैस-ब्लोटिंग की छुट्टी करती है ये एक चीज किडनी को बीमारियों से बचाना है तो अपनाएं ये उपाय सुबह करें इस बीज के पानी का सेवन, चिपचिपे कोलेस्ट्रॉल को निकाल फेंकता है बाहर