हम सभी जानते हैं कि हिन्दू धर्म में रामायण और महाभारत का विषेश महत्व है और इनका उल्लेख आज भी इन ग्रंथो में समाया हुआ है ऐसे में अगर महाभारत की बात करें तो हर कोई जानता है कि क्या है महाभारत और इसमें कौन-कौन था और यह क्यों हुईं थी. लेकिन महाभारत में ऐसी बहुत सी बातें है जिन्हे हसायद ही कोई जानता होगा जैसे राजा धृतराष्ट्र के 100 पुत्र थे यह सब जानते हैं लेकिन वह कौन थे इस बात को कोई नहीं जनता है. तो आइए आज हम आपको बता देते हैं कि वह पुत्र कौन थे लेकिन उसके पहले यह बात जान लीजिए कि उनमे कुल 99 पुत्र तथा एक कन्या थी. तो अब आइए जानते हैं उनके नाम. उनके नाम इस प्रकार हैं- 1. दुर्योधन, 2. दु:शासन, 3. दुस्सह, 4. दुश्शल, 5. जलसंध, 6. सम, 7. सह, 8. विंद, 9. अनुविंद, 10. दुद्र्धर्ष, 11. सुबाहु, 12. दुष्प्रधर्षण, 13. दुर्मुर्षण, 14. दुर्मुख, 15. दुष्कर्ण, 16. कर्ण, 17. विविंशति, 18. विकर्ण, 19. शल, 20. सत्व, 21. सुलोचन, 22. चित्र, 23. उपचित्र, 24. चित्राक्ष, 25. चारुचित्र, 26. शरासन, 27. दुर्मुद, 28. दुर्विगाह, 29. विवित्सु, 30. विकटानन, 31. ऊर्णनाभ, 32. सुनाभ, 33. नंद, 34. उपनंद, 35. चित्रबाण, 36. चित्रवर्मा, 37. सुवर्मा, 38. दुर्विमोचन, 39. आयोबाहु, 40. महाबाहु, 41. चित्रांग, 42. चित्रकुंडल, 43. भीमवेग, 44. भीमबल, 45. बलाकी, 46. बलवद्र्धन, 47. उग्रायुध, 48. सुषेण, 49. कुण्डधार, 50. महोदर, 51. चित्रायुध, 52. निषंगी, 53. पाशी, 54. वृंदारक, 55. दृढ़वर्मा, 56. दृढ़क्षत्र, 57. सोमकीर्ति, 58. अनूदर, 59. दृढ़संध, 60. जरासंध, 61. सत्यसंध, 62. सद:सुवाक, 63. उग्रश्रवा, 64. उग्रसेन, 65. सेनानी, 66. दुष्पराजय, 67. अपराजित, 68. कुण्डशायी, 69. विशालाक्ष, 70. दुराधर, 71. दृढ़हस्त, 72. सुहस्त, 73. बातवेग, 74. सुवर्चा, 75. आदित्यकेतु, 76. बह्वाशी, 77. नागदत्त, 78. अग्रयायी, 79. कवची, 80. क्रथन, 81. कुण्डी, 82. उग्र, 83. भीमरथ, 84. वीरबाहु, 85. अलोलुप, 86. अभय, 87. रौद्रकर्मा, 88. दृढऱथाश्रय, 89. अनाधृष्य, 90. कुण्डभेदी, 91. विरावी, 92. प्रमथ, 93. प्रमाथी, 94. दीर्घरोमा, 95. दीर्घबाहु, 96. महाबाहु, 97. व्यूढोरस्क, 98. कनकध्वज, 99. कुण्डाशी, 100. विरजा. सोमवार को ऐसे करें भोले के मन्त्रों का जाप, मिलेगा मनचाहा वरदान आज शनि भगवान की पूजा में गाये यह आरती, होंगे सब कष्ट दूर आखिर क्यों करते हैं श्राद्ध और कब है श्राद्धपक्ष