मुंबई: देश में कोरोना के खिलाफ जंग जारी है, जहां पर वैक्सीन को सबसे बड़े हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. इस जंग में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया (SII) की कोविशील्ड वैक्सीन एक अहम भूमिका निभा रही है. कंपनी की तरफ से लगातार वैक्सीन निर्माण जारी है और बड़ी संख्या में सप्लाई करने पर जोर दिया जा रहा है. किन्तु अब सीरम की कोविशील्ड वैक्सीन ट्रेडमार्क विवाद में फंस गई है. वैक्सीन को दिए गए नाम ' कोविशील्ड' पर हंगामा देखने को मिल रहा है. फार्मास्युटिकल कंपनी क्यूटिस बायोटेक की ओर से बॉम्बे उच्च न्यायालय में एक याचिका दाखिल की गई थी. याचिका में कहा गया था कि उनकी कंपनी ने गत वर्ष अप्रैल में ही 'कोविशील्ड' नाम के लिए ट्रेडमार्क की मांग की थी और इस सिलसिले में एक आवेदन भी लिखा गया था. कंपनी अपने आयुर्वेदिक और कुछ दूसरे मेडिकल प्रोड्क्ट्स के लिए इस नाम का इस्तेमाल करना चाहती थी. लेकिन इस मामले में अब बॉम्बे उच्च न्यायालय की तरफ से SII को बड़ी राहत दी गई है. कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि सीरम को अपनी वैक्सीन का नाम बदलने की आवश्यकता नहीं है. आदेश में कहा गया है कि यदि सीरम इंस्टीट्यूट को कोविशील्ड नाम का इस्तेमाल नहीं करने दिया गया तो इससे देश में जारी टीकाकरण अभियान प्रभावित हो सकता है और लोगों में एक भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी. अदालत की ओर से ये भी स्पष्ट कहा गया है कि इस वक़्त देश में लोगों की नजर में कोविशील्ड एक ऐसी वैक्सीन है जो कोरोना के खिलाफ इस्तेमाल में लाई जा रही है. ऐसे में उसी का नाम बदलना किसी का भी लाभ नहीं करने वाला है. कुछ आंकड़ों के माध्यम से भी सीरम इंस्टीट्यूट का पलड़ा भारी होता दिखा है. भारत में 5 प्रतिशत किया कच्चे तेल का उत्पादन, गैस के उत्पादन में भी हुआ परिवर्तन जानिए आज पेट्रोल-डीजल की कीमतों में आया क्या बदलाव? स्थानीय लॉकडाउन से बिजली की खपत और ई-वे जीएसटी बिल संग्रह को खतरा: क्रिसिल