परिणामों के बाद क्या होगा हार्दिक का भविष्य

नई दिल्‍ली: गुजरात चुनाव की गहमा-गहमी के बीच  हार्दिक पटेल मीडिया के ही नहीं राजनीतिक पार्टियों के भी आकर्षण का केंद्र बने। पाटीदार समुदाय से आने के कारण ऐसा माना जा रहा था कि हार्दिक जिस पार्टी को सपोर्ट करेंगे समुदाय उसी पार्टी को वोट देगा। शायद यही वजह है कि 24 साल के इस पाटीदार युवक ने महज दो महीनों में वो कर दिखाया जो कांग्रेस ही नहीं गुजरात के कई नेता दशकों से नहीं कर पाए।

आपको बता दें कि हार्दिक पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के अध्यक्ष हैं और पाटीदार समुदाय के लिए नौकरी और शिक्षा में आरक्षण की मांग के साथ 2015 में सड़कों पर उतरे और पाटीदार युवाओं की आवाज बने। वही गुजरात चुनावों के दौरान राज्य के साथ साथ देश के बाकी हिस्सों के तमाम नेताओं की निगाहें भी हार्दिक पटेल पर टिकी रही थीं।

पाटीदार समुदाय में उनका दबदबा कितना है इसका पता इस बात से चलता है कि नरेंद्र मोदी के दिल्ली पहुंचने के बाद  महज दो साल के अंदर पार्टी को अपना मुख्यमंत्री तक बदलना पड़ा। अपने छोटे से राजनीतिक करियर में हार्दिक की छवि एक बड़े नेता की बन चुकी है। वो 9 महीने जेल की हवा खा चुके हैं वहीं उनपर राजद्रोह का मामला भी चल रहा है। 

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