मॉस्को: यूक्रेन के खिलाफ जारी युद्ध के बीच रूस ने भारत का जिक्र करते हुए बड़ा बयान दिया है। रूसी विदेश मंत्री सेरगेई लावरोव ने गुरुवार (1 दिसंबर) को कहा कि अमेरिका, भारत को NATO में शामिल करने का प्रयास कर रहा है, ताकि रूस और चीन की घेरेबंदी की जा सके। सेरगेई लावरोव ने कहा कि पश्चिमी देशों की यह कोशिश है कि किसी भी प्रकार से रूस को घेरा जा सके। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के करीबी मंत्री ने कहा कि अमेरिका द्वारा जानबूझकर साउथ चाइना सी में भी विवाद को हवा दी जा रही है। उसकी यह कोशिश है कि इसके माध्यम से स्थानीय ताकतों की घेराबंदी की जा सके। खासतौर पर चीन और रूस की घेरेबंदी के लिए अमेरिका ऐसा कर रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान लावरोव ने यूक्रेन पर मिसाइल और ड्रोन से हमले किए जाने का भी बचाव किया। उन्होंने कहा कि हम ये हमले इसलिए कर रहे हैं, ताकि पश्चिमी देशों की तरफ से यूक्रेन को भेजे जा रहे हथियारों को रोका जा सके, जिसे वे रूस को नुकसान पहुंचाने के लिए भेज रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका जानबूझकर चीन के आसपास के क्षेत्रों में भी तनाव पैदा कर रहा है, ताकि रूस की घेराबंदी की जा सके। उन्होंने कहा कि NATO देशM अब साउथ चाइना सी में भी वही रणनीति अपना रहे हैं, जो यूक्रेन को उकसाने के लिए आरंभ की थी। उन्होंने कहा कि NATO इन इलाकों में एक प्रकार से आग से खेल रहा है। उन्होंने कहा कि ताइवान और ताइवान स्ट्रेट में अमेरिका और NATO का रुख भड़काने वाला है। रिपोर्ट के मुताबिक, लावरोव ने आगे कहा कि यही कारण है कि हम चीन के साथ मिलकर युद्धाभ्यास कर रहे हैं। रूसी विदेश मंत्री ने कहा कि NATO देशों का प्रयास है कि विस्फोटक हालात उत्पन्न कर दिए जाएं। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और ब्रिटेन को मिलाकर बने AUKUS संगठन का उल्लेख करते हुए कहा कि इसका भी यही उद्देश्य है। यही नहीं उनका कहना था कि NATO रूस और चीन विरोधी गठबंधन में भारत को भी शामिल करना चाहता है। उसका प्रयास है कि रूस के प्रभाव को पूरी तरह से समाप्त किया जा सके। लावरोव ने कहा कि यूक्रेन में दखल के माध्यम से अमेरिका ने रूस के सामने अस्तित्व का ही संकट उत्पन्न कर दिया है। हॉन्गकॉन्ग से इंदौर में चल रहा था ड्रीम गर्ल कॉल सेंटर, हुए हैरतअंगेज खुलासे जान हथेली पर रखकर...इन लोगों ने तय किया 3200KM का खौफनाक सफर 'भारत की तरह सस्ता तेल हमको भी दो..', पाकिस्तान की गुजारिश पर रूस बोला- नहीं दूंगा