नई दिल्ली : भारत और ऑस्ट्रेलिया के भवेच्च खेले जा रहे चौथे टेस्ट मैच में भारत के तरफ से डेब्यू करने वाले चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव की चर्चा जोरों पर है.कुलदीप ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी में चार विकेट लेकर सुर्खियों में आए.लेकिन आपको बता दे कि कुलदीप भारत के पहले चाइनामैन गेंदबाज नही है.कुलदीप से पहले भारत की तरफ से पहला चाइनामैन गेंदबाज कोई पुरुष नही बल्कि महिला खिलाड़ी है. भारतीय महिला क्रिकेट टीम में खेलने वाली प्रीटी डिमरी चाइनामैन स्टाइल में बॉलिंग करती है और उन्हें चाइनामैन वुमन के नाम से जाना जाता है.कुलदीप को भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम की तरफ पहला चाइनामैन गेंदबाज का श्रेय जाता है लेकिन भारत तरफ से क्रिकेट की बात करे तो सबसे पहले प्रीति डिमरी का नाम आता है.प्रीति ने भारत के लिए 2006 से 2010 2 टेस्ट और 23 वनडे खेले हैं.प्रीति ने चाइनावुमैन बोलर के तौर पर 5 टेस्ट विकेट और 28 वनडे विकेट अपने नाम किए हैं. किसने डाली सबसे पहले चाइनामैन बॉलिंग- क्रिकेट के इतिहास में चाइनामैन बॉलिंग शब्द की शुरुआत सन 1930 में हुई थी.वेस्टइंडीज के एलिस आचोंग, दुनिया का पहला चाइनामैन बोलर के तौर पर जाना जाता है.इंग्लैंड के वॉल्टर रोबिन को जब एलिस ने आउट किया तो उनके स्टाइल को चाइनामैन करार दिया गया था. क्या होती है चाइनामैन बोलिंग- इस तरह की गेंदबाजी बिल्कुल राइट आर्म लेग ब्रेक बोलिंग के जैसे होती है, बाएं हाथ का स्पिन बॉलर जब बॉल को स्पिन कराने के लिए अपनी उंगलियों की बजाए अपनी कलाई का सहारा लेता है, तो वह चाइनामैन बॉलिंग मानी जाती है.इस तरह के गेंदबाज के पास गुगली, टॉप स्पिन और फ्लिपर जैसी टेक्निक होती है.