1. आते हैं जैसे जैसे बिछड़ने के दिन क़रीब, लगता है जैसे रेल से कटने लगा हूँ मैं. 2. अब आप की मर्ज़ी है सँभालें न सँभालें, ख़ुशबू की तरह आप के रूमाल में हम हैं. 3. अब जुदाई के सफ़र को मिरे आसान करो, तुम मुझे ख़्वाब में आ कर न परेशान करो. 4. ऐ ख़ाक-ए-वतन तुझ से मैं शर्मिंदा बहुत हूँ, महँगाई के मौसम में ये त्यौहार पड़ा है. 5. चलती फिरती हुई आँखों से अज़ाँ देखी है, मैं ने जन्नत तो नहीं देखी है माँ देखी है. 6. दौलत से मोहब्बत तो नहीं थी मुझे लेकिन, बच्चों ने खिलौनों की तरफ़ देख लिया है. 7. दौलत से मोहब्बत तो नहीं थी मुझे लेकिन, बच्चों ने खिलौनों की तरफ़ देख लिया था. 8. देखना है तुझे सहरा तो परेशाँ क्यूँ है, कुछ दिनों के लिए मुझ से मिरी आँखें ले जा. 9. एक आँसू भी हुकूमत के लिए ख़तरा है, तुम ने देखा नहीं आँखों का समुंदर होना. 10. गर कभी रोना ही पड़ जाए तो इतना रोना, आ के बरसात तिरे सामने तौबा कर ले. 11. जितने बिखरे हुए काग़ज़ हैं वो यकजा कर ले, रात चुपके से कहा आ के हवा ने हम से. 12. कल अपने-आप को देखा था माँ की आँखों में, ये आईना हमें बूढ़ा नहीं बताता है. राहत इंदौरी साहब की शायरियां मुसाफिरों के लिए शायरियां Break Up Day स्पेशल जोक्स