'जब दिल टूटते हैं, तो वो जुड़ नहीं सकते', ऐसा क्यों बोले चाचा पशुपति पारस?

पटना: राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) के प्रमुख एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने भतीजे और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के साथ सुलह की किसी भी संभावना को सिरे से खारिज कर दिया है। रविवार को एक इंटरव्यू के चलते उन्होंने कहा कि अब चिराग से सुलह का सवाल ही नहीं उठता, क्योंकि बहुत देर हो चुकी है। पारस ने स्पष्ट तौर पर कहा कि अब सुलह की कोई गुंजाइश नहीं बची है।

पशुपति पारस ने बताया कि जब उनके बड़े भाई रामविलास पासवान जीवित थे, तब परिवार में कोई दरार नहीं थी। किन्तु अब स्थिति वैसी नहीं है। उन्होंने कहा कि पार्टियां टूटने के बाद फिर से एक हो सकती हैं, किन्तु दिल टूटने के पश्चात् उन्हें जोड़ना मुमकिन नहीं होता। पारस ने आगे कहा कि पहले परिवार और लोक जनशक्ति पार्टी एकजुट थे, मगर अब हालात बदल चुके हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि रामविलास पासवान के निधन के पश्चात् परिवार और पार्टी, दोनों में दरार पड़ गई। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी में विभाजन क्यों हुआ, इसकी वजह सभी को मालूम है।

वही इसके साथ ही, राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख ने NDA की एकता पर विपक्ष, विशेष रूप से राजद नेता तेजस्वी यादव तथा उनकी बहन रोहिणी आचार्य की टिप्पणियों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि गठबंधन पूरी तरह एकजुट है एवं उसमें कोई मतभेद नहीं है। पीएम नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए पारस ने कहा कि वे देश के सर्वसम्मत नेता हैं तथा सभी के हितों का ध्यान रखते हैं। इसके अतिरिक्त, पूर्व केंद्रीय मंत्री ने बताया कि लगभग 3 सप्ताह पहले पटना में उनकी मुलाकात बीजेपी की बिहार इकाई के प्रमुख दिलीप जायसवाल से हुई थी। तत्पश्चात, उन्हें दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने का अवसर प्राप्त हुआ, जहां 2025 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव पर चर्चा की गई।

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