'जब सड़क पर थे हिंदू, तब मुस्लिमों ने किया था मस्जिद गिराने का-वादा', अब पलटे

मंडी: हिमाचल प्रदेश के मंडी में मुस्लिम जेल रोड पर बनी अवैध मस्जिद के खिलाफ विरोध प्रदर्शन आरम्भ हो गए हैं। मुस्लिम पक्ष ने इस मामले में मस्जिद तोड़ने के आदेश के खिलाफ स्थगन (स्टे) ले लिया है। इससे पहले, हिंदू संगठनों के आंदोलन को देखते हुए मुस्लिम पक्ष ने स्वयं ही मस्जिद तोड़ना आरम्भ कर दिया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुस्लिम पक्ष ने प्रधान सचिव शहरी निकाय एवं नगर नियोजन के न्यायालय में मस्जिद गिराने के आदेश के खिलाफ याचिका दायर की थी। इसके आधार पर अब नगर निगम के फैसले पर रोक लगा दी गई है। इस मामले की सुनवाई के पश्चात् ही तोड़ने पर अंतिम निर्णय होगा।

मंडी नगर निगम को आदेश दिया गया है कि वह मस्जिद पर कोई कार्रवाई न करे। मुस्लिम पक्ष का दावा है कि मस्जिद का जितना भी क्षेत्रफल है, वह सभी वैध है तथा उसका कब्जा उनके पास है। उन्होंने यह भी कहा कि उनके पास 386 वर्ग मीटर जमीन है। मुस्लिम पक्ष ने प्रधान सचिव के न्यायालय में यह दावा किया है कि मस्जिद का रिकॉर्ड 1936 से मौजूद है तथा 2013 की बारिश में मस्जिद का बड़ा हिस्सा गिर गया था। फिर नया निर्माण किया गया। मुस्लिम पक्ष के इस दावे के पश्चात् नगर निगम से रिकॉर्ड मांगा गया है। अवैध मस्जिद के मामले की सुनवाई 20 अक्टूबर, 2024 को होगी। उल्लेखनीय है कि मंडी नगर निगम ने सितंबर में जेल रोड पर बनी मस्जिद को अवैध करार दिया था। फिर नगर निगम आयुक्त ने मस्जिद कमिटी को अवैध हिस्से को तोड़ने का आदेश दिया था।

नगर निगम ने इस आदेश के पश्चात् मस्जिद की पानी और बिजली काट दी थी। हालांकि, मुस्लिम पक्ष ने इस आदेश का पालन नहीं किया एवं प्रधान सचिव के न्यायालय का सहारा लिया, जिसके परिणामस्वरूप इस निर्णय पर रोक लग गई। मंडी मस्जिद का मामला सितंबर में शिमला की संजौली की अवैध मस्जिद के बाद उभरा था। सरकार की तहकीकात में यह भी सामने आया था कि मंडी में बनाई गई मस्जिद ने PWD की जमीन पर कब्जा किया है। इसके अतिरिक्त, यह पाया गया कि मस्जिद के पास केवल 45 वर्ग मीटर जमीन है, जबकि उन्होंने तकरीबन 200 वर्ग मीटर कब्जा कर रखा है। जहां मुस्लिम पक्ष मंडी की मस्जिद को बचाने का हर संभव प्रयास कर रहा है, वहीं शिमला समेत अन्य शहरों में आंदोलन के बाद उन्होंने स्वयं ही मस्जिद तोड़ना आरम्भ कर दिया था। हिंदू पक्ष ने मस्जिद तोड़ने पर रोक के पश्चात् फिर से आंदोलन की चेतावनी दी है।

मंडी में मुस्लिम पक्ष ने जिस तरह का रुख अपनाया है, वैसा ही रुख शिमला की संजौली मस्जिद के मामले में भी देखा गया है। पहले यहां मस्जिद तोड़ने की बात कही गई तथा इसकी बाद एक पक्ष ने कहा कि वह इस आदेश के खिलाफ कोर्ट जाएगा। हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया है कि मुस्लिम समुदाय अवैध मस्जिदों के मामले में हिमाचल के लोगों को भ्रमित कर रहा है। हिंदू जागरण मंच के मुखिया कमल गौतम ने कहा कि मुस्लिमों का एक पक्ष गिराने की बात करता है, जबकि दूसरा पक्ष कोर्ट जाने की बात करता है। उन्होंने कहा कि आने वाले वक़्त में इस मुद्दे पर हिंदू बड़ा आंदोलन करेंगे।

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