प्रत्येक साल ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन अपरा एकादशी मनाई जाती है। यह पर्व जगत के पालनहार प्रभु श्री विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन प्रभु श्री विष्णु एवं मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत-उपवास रखा जाता है। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से व्रती द्वारा जाने और अनजाने में किए गए सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। साथ ही साधक को ब्रह्म वध समेत नाना प्रकार के शास्त्र विरुद्ध कार्य करने से लगने वाले दोषों से भी मुक्ति प्राप्त होती है। इसके अतिरिक्त, मृत्यु उपरांत साधक को विष्णु लोक में ऊंचा स्थान मिलता है। अतः साधक श्रद्धा भाव से अपरा एकादशी तिथि पर व्रत रख विधि-विधान से प्रभु श्री विष्णु की पूजा करते हैं। आइए, आपको बताते है अपरा एकादशी की सही तिथि, शुभ मुहूर्त... शुभ मुहूर्त ज्योतिषियों के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी की तिथि 02 जून को प्रातः काल 05 बजकर 41 मिनट पर आरम्भ होगी तथा अगले दिन यानी 03 जून को देर रात 02 बजकर 41 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि से गणना की जाती है। इस तरह 02 जून को अपरा एकादशी मनाई जाएगी। कब है अपरा एकादशी ? सनातन शास्त्रों में निहित है कि वैष्णव समाज के अनुयायी नियत तिथि के अगले दिन एकादशी पर्व मनाते हैं। वहीं, सामान्य भक्तजन उदया तिथि गणना के मुताबिक, एकादशी पर्व मनाते हैं। आसान शब्दों में कहें तो उदया तिथि के मुताबिक, 02 जून को अपरा एकादशी है। अतः सामान्य लोग (विष्णु भक्त) 02 जून को अपरा एकादशी का व्रत रखेंगे। वहीं, वैष्णव समाज के लोग 03 जून को अपरा एकादशी मनाएंगे। पारण समय सामान्य भक्तजन 03 जून को प्रातः 08 बजकर 05 मिनट से लेकर प्रातः 08 बजकर 10 मिनट पर स्नान-ध्यान, पूजा पाठ कर पारण कर सकते हैं। वहीं, वैष्णव समाज के लोग 04 जून को प्रातः 05 बजकर 23 मिनट से लेकर 08 बजकर 10 मिनट के मध्य पारण कर सकते हैं। पारण यानी व्रत तोड़ने से पहले ब्राह्मणों को अन्न एवं धन का दान जरूर करें। जून में इन राशियों की बढ़ेगी मुश्किलें, होने जा रहा है नक्षत्र परिवर्तन ब्राह्मण या गरीब... किसे दान देना है सही? दूर हो जाएगी शनि-राहु की पीड़ा, बस कालाष्टमी पर अपना लें ये एक उपाय