इस बात से हर कोई अच्छे से वाक़िफ़ हैं कि दशहरा या विजयादशमी का त्यौहार हिन्दू धर्म के विशेष त्यौहारों में से एक हैं. इस त्यौहार को पूरा देश बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाता है. रावण पर श्री राम की और अन्याय पर न्याय की जीत का यह त्यौहार है. कब मनाया जाता है दशहरा ? भगवान श्री राम और रावण से यह त्यौहार संबंध रखता है. साल में कुल दो नवरात्रि आती है. पहली नवरात्रि चैत्र माह में आती है और दूसरी नवरात्रि आती है आश्विन माह में. यूं तो दोनों ही नवरात्रि का ख़ास महत्व है. हालांकि आश्विन माह की नवरात्रि को धूम-धाम के साथ मनाया जाता है. आश्विन माह की नवरात्रि के समापन के बाद जो दूसरा दिन आता है उसे दशहरा या विजयादशमी के रूप में मनाया जाता है. इसे आप इस तरह से समझ सकते हैं कि आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा के रूप में मनाया जाता है. दशहरा त्यौहरा का इतिहास... दशहरा त्यौहार का इतिहास भारत में काफी पुराना है. सदियों से भारतीय संस्कृति में इस त्यौहार की रौनक देखने को मिल रही है. इसकी शुरुआत की बात की जाए तो रावण के वध के साथ ही इस त्यौहार की शुरुआत हो चुकी थी. जब श्री राम, माता सीता और लक्ष्मण जी वनवास पर थे, उस समय माता सीता का रावण ने छल से हरण कर लिया था. रावण माता को लंका में ले गया और माता को रावण ने लंका में रखा. श्री राम और लक्ष्मण माता की खोज में लंका जा पहुंचे. पूरी लंका को श्री राम ने हनुमान, लक्ष्मण, सुग्रीव, रावण के भाई विभीषण की मदद से तहस-नहस कर दिया. जबकि हनुमान ने अपनी पूँछ की मदद से लंका को जलाकर राख कर दिया. भगवान राम और रावण के युद्ध के दौरान श्री राम के हाथों रावण पराजित हुआ और श्री राम ने रावण का वध कर दिया. इसके बाद से यह दिन दशहरा या विजयादशमी के रूप में मनाया जाने लगा. दशहरा : दशहरा कैसे मनाते हैं ? दशहरा : दशहरा क्यों मनाया जाता है ? नवरात्रि : नवरात्रि के दौरान भूलकर भी न करें ये काम, जानिए व्रत के नियम नवरात्रि : नवरात्र व्रत खोलने की विधि, उपवास के दौरान ऐसा होना चाहिए आहार