कब मनाई जाती है जन्माष्टमी ?

हमारे देश को त्यौहारों का देश कहां जाता है. जितने त्यौहार इस भारत की पावन धरती पर मनाए जाते हैं, उतने किसी और देश की धरती पर मनाना तो क्या इसकी कल्पना करना भी बड़ा मुश्किल है. साल के 365 दिन में से हर दिन यहां पर कोई न कोई दिन किसी विशेष दिन के रूप में मनाया जाता है. कोई भी माह, कोई भी सप्ताह यहां बिना किसी बड़े त्यौहार के नहीं गुजरता है. भादो माह में श्री कृष्णजन्माष्टमी जैसा बड़ा त्यौहार भारत मनाता है. आइए इसके बारे में जानते है कि जन्माष्टमी कब मनाई जाती है. 

प्रतिवर्ष भारत में श्री कृष्णजन्माष्टमी का बड़ा त्यौहार धूम-धाम से मनाया जाता है. भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिवस को वृहद पैमाने पर हमारा देश मनाता है. श्री कृष्णजन्माष्टमी को जन्माष्टमी और गोकुलाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है. प्रतिवर्ष यह त्यौहार भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है. 

आपको इस बात से अवगत करा दें कि श्री कृष्ण भगवान विष्णु के 8वें अवतार है. श्री कृष्ण ने द्वापरयुग में भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन धरती से पाप का खात्मा करने के लिए अष्टमी तिथि को मध्यरात्रि रोहिणी नक्षत्र में माता देवकी की कोख से जन्म लिया था. उनके पिता का नाम वासुदेव था. वहीं उनका लालन-पालन करने वाले माता-पिता यशोदा और नंद जी थे. भारतीय संस्कृति इस दिन अपने भगवान की भक्ति में पूर्णतः डूबी हुई रहती है. जहाज-जगह हर्षोल्लास का माहौल रहता है. कहीं श्री कृष्ण के भजन गूंजते हैं, कहीं मटकी फोड़ का आयोजन किया जाता है, कहीं माखन का वितरण होता है कहीं श्री कृष्ण के नाम का गुणगान चलता है, तो कहीं इस दिन श्री कृष्ण को रात्रि के समय में झूले में झूलाया जाता है. अपनी-अपनी श्रद्धा-भक्ति के अनुसार भक्त अपने भगवान का स्वागत कर उन्हें प्रसन्न करते हैं. 

 

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