प्रत्येक वर्ष चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है. यह होली के पश्चात् की पहली एकादशी होती है. पापमोचनी एकादशी के दिन प्रभु श्री विष्णु की पूजा करते हैं तथा व्रत रखते हैं. इस व्रत को करने से इंसान को कई जन्मों के पापों से मुक्ति प्राप्त होती है. पापमोचनी एकादशी की पौराणिक कथा में बताया गया है कि अप्सरा मंजुघोषा ने पापमोचनी एकादशी का व्रत करके पिशाच योनि से मुक्ति पाई. उसे अपने पापों से मुक्ति प्राप्त हुई थी. प्रभु श्रीकृष्ण ने धर्मराज युधिष्ठिर को पापमोचनी एकादशी व्रत की अहमियत को समझाते हुए कथा भी सुनाई थी. पापमोचनी एकादशी 2023 तिथि:- हिंदू कैलेंडर के मुताबिक, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 17 मार्च दिन शुक्रवार को दोपहर 02 बजकर 06 मिनट से आरम्भ हो रही है तथा यह तिथि 18 मार्च दिन शनिवार को प्रातः 11 बजकर 13 मिनट तक मान्य रहेगी. उदयातिथि के आधार पर पापमोचनी एकादशी का व्रत 18 मार्च को रखा जाएगा. पापमोचनी एकादशी पूजा मुहूर्त 2023:- पापमोचनी एकादशी के दिन प्रभु श्री विष्णु की पूजा का शुभ मुहूर्त प्रात:काल में सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ ही आरम्भ हो जाएगा. सर्वार्थ सिद्धि योग में पूजा करने से आपकी मनोकामनाएं पूरी होंगी. इस दिन आप प्रातः 06 बजकर 28 मिनट से पापमोचनी एकादशी व्रत की पूजा कर सकते हैं. इस दिन पूजा के वक़्त राहुकाल का ध्यान रखें. पापमोचनी एकादशी व्रत का महत्व:- धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, जब नारद जी ने पापमोचनी एकादशी व्रत की अहमियत के बारे में ब्रह्मा जी से पूछा था, तब उन्होंने बताया था कि यह व्रत प्रभु श्री विष्णु से जुड़ा है. इस व्रत को करने से मनुष्यों के सभी पाप मिट जाते हैं. श्रीहरि की कृपा से कई जन्मों के पाप धुल जाते हैं. इन लोगों के लिए बेहद शुभ है इस बार की रामनवमी, बरसेंगी श्रीराम की कृपा कब है रामनवमी? जानिए इसका शुभ मुहूर्त और महत्व मां दुर्गा के किस स्वरूप की किस दिन होगी पूजा? यहाँ जानिए