आप सभी को बता दें कई मुस्लिम धर्म का पाक महीना रमजान मुस्लिम लोगों के लिए बेहद खास माना जाता है और इन माह में जन्नत के दरवाज खुल जाते है. कहते हैं इस महीने में की गई इबादतों का सबब अन्य माह से दोगुना मिलता है और इसी के साथ इस माह का इंतजार बहुत ही शिद्दत से किया जाता है. आपको बता दें कई इस बार रमजान 5 मई से शुरु हो रहे है और ऐसे में इसके लिए तैयारियां शुरू हो चुकीं हैं. वहीं इस्लामिक कैलेंडर के हिसाब से हर साल 29 या 30 रोजे ही रखे जाते हैं और ईद का चांद दिखने पर रोजे विदा होते हैं, जिसके अगले दिन ईद का जश्न मनाया जाता है. आप सभी को बता दें, रमजान के रोजों की खुशी में ही ईद मनाई जाती है. वहीं रमजान के महीने की शुरुआत चांद के दीदार होने के साथ होती है और रमजान का महीना तीन हिस्सों में बांटा गया है, जिसे अशरा कहते हैं. जी हाँ, मुस्लिम समुदाय के लोग रमजान के पूरे महीने रोजा रखते हैं और इबादत करते हैं. इसी के साथ वह कुरआन पाक की तिलावत कर अल्लाह को राजी करते हैं. कहा जाता है यह महीना ऐसा होता है जब अल्लाह रोजदार और इबाबत करने वाली की हर एक जायज दुआ को कुबूल करते है और इसी के साथ ही गुनाह करने वाले बंदो को बख्शीश देते है. ऐसे रखते है रोजा - आपको बता दें कई इस पाक महीने में रोजदार रोजा रखने के लिए सूरज निकलने से पहले खाते हैं, जिसे सेहरी कहते हैं. वहीं सेहरी के बाद से सूरज ढलने तक भूखे-प्यासे रहते हैं और इसके बाद शाम में सूरज ढलने के बाद मगरिब की आजान होने पर रोजा खोला जाता है, जिसे इफ्तार कहते हैं. कहा जाता है कि बिना नमाज के रखा गया रोजा फाका कहलाता है और यह तभी कुबूल होता है जब रोजदार कसरत से 5 वक्त की नमाज अदा करें. इसी के साथ ही बुराइयों से खुद को दूर ही रखे. यहाँ जानिए आज का पंचाँग, राहुकाल और शुभ मुहूर्त 7 मई को है परशुराम जयंती, जानिए उनके जन्म की पौराणिक कथा महाभारत की इस कथा को सुनकर हैरान रह जाएंगे आप