सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि की बेहद अहमियत होती है. प्रत्येक महीने की पूर्णिमा का अपने आप में एक महत्व होता है. इस दिन प्रभु श्री विष्णु की पूजा करने का विधान है. जो भी मनुष्य इस दिन व्रत रखता है उसकी इच्छाएं पूर्ण होती है. फिलहल चैत्र महीना चल रहा है. आइए आपको बताते है हैं चैत्र महीने की पूर्णिमा कब है और क्या है शुभ मुहू्र्त. कब है चैत्र माह की पूर्णिमा? पंचांग के मुताबिक, चैत्र महीने के पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 23 अप्रैल को प्रातः 3 बजकर 25 मिनट पर होगी. इसका समापन अगले दिन यानी 24 अप्रैल को प्रातः 5 बजकर 18 मिनट पर होगा. इसके चलते चैत्र महीने का स्नान दान 23 अप्रैल को किया जाएगा. दान-स्नान का शुभ मुहूर्त चैत्र पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान करना शुभ माना जाता है. इस दिन दान करने से भी पुण्य की प्राप्ति होती है. दान-स्नान का शुभ मुहूर्त 23 अप्रैल को प्रातः 4 बजकर 20 मिनट से लेकर प्रातः 5 बजकर 4 मिनट तक है. आप यदि किसी पवित्र नदी में जा कर स्नान नहीं कर सकते तो आप घर पर ही स्नान करते वक़्त गंगाजल का उपयोग कर सकते हैं. करें भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप - ॐ नमो : भगवते वासुदेवाय - ॐ नमो : नारायणाय हनुमान जन्मोत्सव पर बन रहे है कई शुभ संयोग, इन 5 राशियों का चमकेगा भाग्य आखिर क्यों साल में दो बार क्यों मनाया जाता है हनुमान जन्मोत्सव? 23 या 24 अप्रैल... कब है हनुमान जन्मोत्सव?