कार्तिक मास के प्रदोष व्रत का खास महत्व है. प्रदोष व्रत भगवान महादेव की आराधना के लिए समर्पित है, इस दिन उपवास रखकर विधि-विधान से महादेव की पूजा अर्चना करने पर खास कृपा मिलती है. प्रत्येक माह में दो बार प्रदोष व्रत किया जाता है, एक कृष्ण पक्ष में और दूसरा शुक्ल पक्ष में. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष का अंतिम प्रदोष व्रत 24 नवंबर दिन शुक्रवार को रखा जाएगा. प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त:- कार्तिक मास की शुक्ल त्रयोदशी तिथि का प्रारम्भ 24 नवंबर 2023 दिन शुक्रवार की शाम 07 बजकर 06 मिनट पर हो रहा है. वहीं इसका समापन 25 नवंबर शाम 05 बजकर 22 मिनट पर होगा. ऐसे में प्रदोष व्रत 24 नवंबर दिन शुक्रवार को किया जाएगा. शुक्रवार के दिन पड़ने की वजह से इसे शुक्र प्रदोष व्रत कहा जाएगा, इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 07 बजकर 06 मिनट से रात 08 बजकर 06 मिनट तक रहेगा. प्रदोष व्रत पूजा विधि:- प्रदोष व्रत के दिन प्रातः उठकर स्नान कर लें. स्नान करने के पश्चात् साफ- स्वच्छ वस्त्र पहन लें. घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें. अगर संभव है तो व्रत करें. भगवान भोलेनाथ का गंगा जल से अभिषेक करें. भगवान भोलेनाथ को पुष्प चढ़ाएं. इस दिन भोलेनाथ के साथ ही माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा भी करें. भगवान शिव को भोग लगाएं. नवंबर से मार्च तक रहेंगे विवाह के 52 मुहूर्त, यहाँ देंखे तारीख देवउठनी एकादशी के दिन जरूर पढ़े श्री तुलसी चालीसा, मिलेगा भारी फायदा 23 नवंबर से शुरू हो जाएगा शादियों का सीजन, लेकिन इन जरुरी बातों का रखे ध्यान