प्रत्येक माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी के तौर पर मनाया जाता है। इस वक़्त वैसाख मास का शुक्ल पक्ष चल रहा है। वैशाख शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर विधि-विधान से प्रभु श्री गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, इस दिन विधि- विधान से पूजा-अर्चना करने से प्रभु श्री गणेश की खास कृपा प्राप्त होती है। प्रभु श्री गणेश प्रथम पूजनीय देव हैं। किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत प्रभु श्री गणेश की पूजा के पश्चात् ही होती है। मुहूर्त:- वैशाख, शुक्ल चतुर्थी प्रारम्भ - 07:47AM, अप्रैल 23 वैशाख, शुक्ल चतुर्थी समाप्त - 08:24AM, अप्रैल 24 विनायक चतुर्थी पूजा सामग्री लिस्ट:- भगवान गणेश की प्रतिमा लाल कपड़ा जनेऊ कलश नारियल पंचामृत पंचमेवा गंगाजल रोली मौली लाल विनायक चतुर्थी पूजा विधि:- * इस दिन प्रातः जल्दी उठकर स्नान कर लें। * फिर घर के मंदिर में सफाई कर दीप प्रज्वलित करें। * दीप प्रज्वलित करने के पश्चात् प्रभु श्री गणेश का गंगा जल से जलाभिषेक करें। * फिर प्रभु श्री गणेश को साफ वस्त्र पहनाएं। * प्रभु श्री गणेश को सिंदूर का तिलक लगाएं और दूर्वा अर्पित करें। * प्रभु श्री गणेश को दूर्वा अतिप्रिय होता है। जो भी व्यक्ति भगवान गणेश को दूर्वा अर्पित करता है, भगवान गणेश उसकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं। * प्रभु श्री गणेश की आरती करें और भोग लगाएं। आप गणेश जी को मोदक, लड्डूओं का भोग लगा सकते हैं। * इस पावन दिन प्रभु श्री गणेश का अधिक से अधिक ध्यान करें। * यदि आप व्रत रख सकते हैं तो इस दिन व्रत रखें। बेहद खास है अक्षय तृतीया की कथा, यहाँ जानिए आखिर क्यों भगवान परशुराम ने कर दिया था अपनी माता का वध? जानिए कथा इस आरती और स्तुति से करें भगवान परशुराम को प्रसन्न