जब धर्मगुरु बन गए थे जॉनी लीवर, इस कारण लिया था ये फैसला

बॉलीवुड के जाने माने मशहूर कॉमेडियन जॉनी लीवर आज 66 वर्ष के हो गए हैं। 14 अगस्त 1957 को आंध्र प्रदेश में एक तेलुगू क्रिश्चियन परिवार में जन्मे जॉनी लिवर केवल 7वीं कक्षा पास हैं। आर्थिक समस्याओं के चलते उन्होंने छोटी-सी उम्र में ही पढ़ाई छोड़ सड़कों पर पेन बेचना आरम्भ कर दिया था। जैसे-तैसे उन्होंने गुजारा किया तथा फिर बडे़-बड़े सितारों की मिमिक्री कर बॉलीवुड में आहिस्ता-आहिस्ता अपनी जगह बनाई। मगर, जॉनी लीवर की जिंदगी में एक दौर ऐसा भी आया था जब उन्होंने सारी दौलत-शौहरत को छोड़ धर्मगुरु बनने का फैसला ले लिया था।

जब जॉनी लीवर ने फिल्म जगत को पूरी तरह त्यागकर धर्म का मार्ग अपनाया था तब मुंबई, चेन्नई एवं यहां तक की अमेरिका में होने वाली उनकी प्रार्थना सभाओं में सैकड़ों की भीड़ आने लगी थी। मगर, सवाल यह उठता है कि ऐसा क्या हुआ था कि वह धर्म उपदेशक बन गए थे? दरअसल, एक इंटरव्यू के चलते जॉनी लीवर ने अपने अंदर आए इस परिवर्तन का कारण बताते हुए कहा था, "मुझे लगता है ये ईश्वर की इच्‍छा थी। मैं हमेशा से एक धार्मिक इंसान रहा हूं। मगर, एक घटना हुई और मेरा पूरा जीवन बदल गया। मेरे बेटे को कैंसर हो गया था।"

जॉनी लीवर ने आगे बताया था, "मैं बहुत परेशान हो गया था। लाचार महसूस कर रहा था। समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूं। फिर एक दिन मैंने इस इंडस्ट्री का त्यागकर भगवान की प्रार्थना में मन लगाने का निर्णय लिया। 10 दिन तक धर्म के कामों में अपना मन लगाया तथा फिर अपने बेटे को चिकित्सक के पास लेकर गया। चिकित्सक ने कहा, 'आपका बेटा खतरे से बाहर है। उसे कैंसर नहीं है।' यह मेरी जिंदगी का टर्निंग प्वॉइंट था। रोमन कैथलिक होने के पश्चात् भी मैंने कभी बाइबल नहीं पढ़ी थी। मगर, इस घटना के पश्चात् मुझे समझ आ गया था कि ईश्वर की प्रार्थना से जीवन में कई अविश्वसनीय चमत्कार हो सकते हैं। अब मैं बाइबल भी पढ़ता हूं तथा धर्म के काम भी करता हूं।"

VIDEO! बीच कॉन्सर्ट में प्रियंका चोपड़ा के पति पर महिला ने फेंकी अंडरगारमेंट, भड़के फैंस

लीक हुआ शाहरुख खान की 'जवान' का सीन, मेकर्स ने दर्ज करवाई शिकायत

'गदर 2' ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, तीसरे दिन की कमाई ने उड़ाए होश

Related News