जब मायावती CM थीं, तो भाई-भाभी को आधी कीमत में मिल गए 261 फ्लैट्स ! अब ऑडिट रिपोर्ट में खुला फर्जीवाड़ा

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती जब उत्तर प्रदेश की सीएम हुआ करती थीं, उस समय उनके भाई और भाभी को एक रियल एस्टेट कंपनी लॉजिक्स इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड ने नोएडा में 261 फ्लैट आवंटित कर दिए थे। नए खुलासे में पता चला है कि फ्लैट आवंटित करने की प्रक्रिया धोखाधाड़ी पूर्ण थी, जिसमें करोड़ों रुपये की हेराफेरी की बात सामने आई है। बसपा सुप्रीमो के भाई-भाभी को फ्लैट आवंटित करने की प्रक्रिया धोखाधड़ी और अंडरवैल्यूएशन पर आधारित थी।

रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी रिकॉर्ड की जांच कर इसका खुलासा किया है। रिपोर्ट में कंपनी के गठन के लेकर उसके दिवालिया होने तक के 12 वर्षों के तमाम लेन-देन और अन्य गतिविधियों की गहनता से छानबीन की गई। इसमें 2023 में किए गए फॉरेंसिक ऑडिट के दस्तावेज़ों को शामिल किया गया है। वर्ष 2007 में मायावती यूपी की सीएम बनीं और 2010 में लॉजिक्स इंफ्राटेक का गठन हुआ। गठन के दो माह बाद ही कंपनी ने मायावती के भाई आकाश आनंद और उनकी पत्नी विचित्र लता को नोएडा के ब्लोसम ग्रीन में 2 लाख स्कवायर फीट भूमि एक अनुबंध के तहत बेच दी। इस अनुबंध के मुताबिक, 2,300 रुपये प्रति स्कवायर फीट और 2350 रुपये प्रति स्कवायर फीट की कीमत पर यह सौदा हुआ। इसके तहत, आकाश आनंद को 46.02 करोड़ और विचित्र लता को 46.93 करोड़ रुपये का भुगतान करना था।

इस एग्रीमेंट के तीन माह बाद ही यूपी की मायावती सरकार के नोएडा अथॉरिटी ने 1,00,112.19 स्कवायर फीट भूमि लॉजिक्स इंफ्राटेक को ब्लॉसम ग्रीन में 22 टावर बनाने के लिए लीज पर दे दी। वर्ष 2010 से 2022-23 के दौरान ब्लॉसम ग्रीन के 2,538 में से 2,329 फ्लैट बिक चुके हैं। कंपनी ने अभी तक 8 टावर के 944 फ्लैट्स के पजेशन ऑफर की है, जिनमें से 848 खरीदारों को पजेशन प्राप्त हो चुका है और 14 टावरों का कार्य संपन्न हो चुका है, मगर पजेशन के लिए वह तैयार नहीं हैं। 4 अप्रैल, 2016 तक मायावती के भाई आकाश आनंद को 135 अपार्टमेंट और विचित्र लता को 126 अपार्टमेंट मिले, जिनके लिए उन्होंने 28.24 करोड़ और 28.19 करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान किया था। 15 फरवरी 2020 को लॉजिक्स इंफ्राटेक को 7.72 करोड़ रुपये की बकाया राशि का पहला नोटिस प्राप्त हुआ। यह नोटिस अहलूवालिया कॉन्ट्रैक्ट्स (इंडिया) लिमिटेड द्वारा भेजा गया था। इस कंपनी को लॉजिक्स इंफ्राटेक ने सिविल और स्ट्रक्चरल वर्क के लिए 259.80 करोड़ रुपये का टेंडर दिया था।

अक्टूबर, 2020 में कंपनी द्वारा इस नोटिस पर जवाब दिया गया, जिसमें कहा गया कि 2019 के अंत से कोरोना महामारी की वजह से दिल्ली-NCR में कंस्ट्रक्शन पर लगी रोक और लेबर की कमी के चलते वह अहलूवालिया कॉन्ट्रैक्ट्स की बकाया राशि का भुगतान करने में असमर्थ थी। 29 सितंबर, 2019 को लॉजिक्स से बकाया राशि की रिकवरी के लिए कॉर्पोरेट रिजॉल्यूशन प्रोसेस (CIRP) के माध्यम से NCLT ने कंपनी के विरुद्ध बैंकरप्सी कार्यवाही का आदेश दिया। इसके बाद लॉजिक्स के ऑडिट का आदेश दिया गया। मई 2023 में आई लेटेस्ट ऑडिट रिपोर्ट का हवाला देते हुए मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि आकाश आनंद और विचित्र लता को कंपनी ने धोखाधड़ी कर 46 फीसद कम रेट पर ब्लॉसम ग्रीन की यूनिट्स बेचीं। ऑडिट में कहा गया कि दोनों ने बैंकरप्सी धोखाधड़ी के तहत 96.64 करोड़ रुपये पेमेंट किए।

रिपोर्ट के अनुसार, मायावती के भाई आनंद कुमार ने 2,300 रुपये प्रति स्कवायर फीट की कीमत पर फ्लैट्स ख़रीदे, जबकि अन्य खरीदारों के लिए यह कीमत 4,350.85 रुपये प्रति स्कवायर फ़ीट थी। रिपोर्ट में बताया गया है कि इनजोलवेंसी एंड बैंकरप्सी एक्ट 2016 के सेक्शन 45 के तहत यह ट्रांसेक्शन अंडरवैल्यूड है। रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि आकाश आनंद को दिए गए फ्लैट्स में से 36 का पहले ही दूसरे खरीदारों को पजेशन दिया जा चुका था। ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक, सुझाव दिया गया है कि आवंटन प्रक्रिया में कुछ मिसरिप्रेजेंटेशन या धोखा शामिल है।

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