हाल ही में राजस्थान में कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री और सचिन पायलट ने उप मुख्यमंत्री के रूप में प्रदेश की सत्ता की बागडोर अपने हाथ में ले ली है. वहीं शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस के साथ-साथ विपक्ष के भी कई नेता पहुंचे हैं और अब से पांच साल पहले भी ऐसे ही शपथ ग्रहण के लिए मंच सजाया गया था लेकिन अशोक गहलोत के स्थान पर वसुंधरा राजे शपथ ले रही थीं. उस समय अशोक गहलोत उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंप रहे थे. इसी के साथ साल 2013 में 15 दिसंबर के दिन एक ऐसा वाक्या भी हुआ था, जिसे इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा और आज भी उसी को याद किया जा रहा है. दरअसल उस दिन शपथ ग्रहण समारोह में देश के मौजूदा प्रधानमंत्री और गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी, राजनाथ सिंह भी शामिल हुए थे और उस दौरान अशोक गहलोत राजस्थान के सीएम पद से विदा हो रहे थे और सभी वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर रहे थे. इसी समय नरेंद्र मोदी का भी नंबर आया और गहलोत ने मोदी से मुलाकात की थी. आप सभी को याद हो उस दौरान मोदी ने गहलोत से हाथ मिलाया और उन्हें गले लगा लिया था और उस वक्त गहलोत कुछ समझ नहीं पाए और उनके हाथ भी नीचे ही रहे थे लेकिन मोदी ने उन्हें गले लगाया, जिसे काफी पॉजिटिव बताया गया था. कहते हैं कि गहलोत ही कांग्रेस के ऐसे नेता हैं, जिन्हें मोदी ने इस तरह से गले लगाया है इसके पहले और इसके बाद मोदी ने किसी को भी ऐसा गले नहीं लगाया. फिर सियासी जादूगर बने गहलोत, को-पायलट के साथ नई उड़ान - आप सभी को बता दें कि बीते दिनों गहलोत ने एक अखबार को दिए गए इंटरव्यू में कहा था, 'मेरे हाथ नीचे ही रह गए थे. सोचा यह एकदम से क्या हो गया और लोग क्या सोचेंगे. लेकिन मैं इससे आहत नहीं हुआ क्योंकि मैंने सोचा कि उन्होंने आत्मीयता जताने के लिए ऐसा किया है. मैंने यह नहीं कहा कि मोदीजी तो मेरे गले पड़ गए.' मोदी पर दाग लगाने में जुटी है कांग्रेस : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चिराग पासवान ने मंदिर को बताया भाजपा का एजेंडा आज मध्यप्रदेश के 18वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे 'कमलनाथ