जब कांग्रेस सरकार ने छोड़े थे 25 पाकिस्तानी आतंकी, आखिर क्या थी मजबूरी ?

नई दिल्ली: 1999 में कंधार प्लेन हाईजैक की घटना पर आधारित अनुभव सिन्हा की वेब सीरीज 'IC814' ने अटल बिहारी वाजपेयी की एनडीए सरकार के फैसलों पर नए सिरे से बहस छेड़ दी है। इस घटना में भारतीय एयरलाइंस के विमान को आतंकियों ने हाईजैक किया था, जिसमें 179 यात्री और 11 क्रू मेंबर थे। काठमांडू से दिल्ली जा रहे इस विमान को आतंकियों ने पहले अमृतसर, फिर लाहौर और दुबई होते हुए अफगानिस्तान के कंधार में उतारा। वहाँ भारतीय सरकार को मोलभाव के बाद तीन खूंखार आतंकियों – मसूद अजहर, अहमद उमर सईद शेख, और मुस्ताक अहमद जरगर – को रिहा करना पड़ा ताकि यात्रियों की जान बचाई जा सके।

अब, कांग्रेस पार्टी इसे मुद्दा बनाकर भाजपा की आलोचना कर रही है, खासतौर से पार्टी की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत द्वारा भाजपा को आतंकवादियों का समर्थक बताया जा रहा है। लेकिन कांग्रेस का अपना इतिहास भी कुछ अलग नहीं है। 2010 में, कांग्रेस ने पाकिस्तान  के साथ संबंध सुधारने के नाम पर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शाहिद लतीफ सहित 25 आतंकवादियों को रिहा किया था। शाहिद लतीफ बाद में पठानकोट एयरबेस हमले का मास्टरमाइंड निकला, जिसमें 8 जवानों की जान चली गई थी।

 

शाहिद लतीफ 1994 से जेल में था और 16 सालों तक कैद रहने के बाद उसे अचानक रिहा कर दिया गया, जबकि उस समय कोई मोलभाव की स्थिति नहीं थी। उसे सिर्फ ‘सद्भावना’ दिखाने के लिए छोड़ा गया था। पठानकोट हमले के पीछे भी उसी का हाथ था, और वो जैश के लिए भारत में आतंकी नेटवर्क तैयार करने का प्रमुख जिम्मेदार था। वास्तव में, कंधार हाईजैक में भी आतंकियों ने शाहिद लतीफ को रिहा करने की माँग की थी, लेकिन NDA सरकार ने उसे रिहा करने से इनकार कर दिया था। इसके बावजूद कांग्रेस आज अटल सरकार पर निशाना साध रही है, जबकि खुद उसने बिना किसी मजबूरी के 25 खतरनाक आतंकियों को छोड़ दिया था।

अक्टूबर 2023 में शाहिद लतीफ की हत्या 'अज्ञात' हमलावरों द्वारा पाकिस्तान के सियालकोट में एक मस्जिद में कर दी गई, जो इस बात का संकेत है कि मोदी सरकार के कार्यकाल में आतंकवादियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई हो रही है। इसी बीच, कांग्रेस ने आतंकी यासीन मलिक को प्रधानमंत्री कार्यालय में बुलाकर उससे हाथ मिलाया था, जिसका वो उल्लेख करना भूल जाती है। यह सवाल उठता है कि जब कांग्रेस ने महज पाकिस्तान से संबंध सुधारने के लिए 25 खूंखार आतंकियों को रिहा किया, तो वही कांग्रेस आज कैसे 1999 की NDA सरकार की आलोचना कर सकती है, जिसने अपने नागरिकों की जान बचाने के लिए मोलभाव किया था?

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