हिन्दू धर्म में ज्योतिष का विशेष महत्व देखा जा सकता है। इसमें कर्म काण्ड से जुड़ी हर छोटी-बड़ी बातों का उल्लेख मिलता है। हिन्दू धर्म में हर हिन्दू परिवार के घर मंदिर देखा जा सकता है। मंदिर को लेकर लोगों में एक खास आस्था भी देखने को मिलती है। लेकिन जहां हम मंदिर की बात कर रहे हैं तो वहीं पर मंदिर में रखी मुर्ति से जुड़ी एक जरूरी बात है जिसके बारे में आज हम आपसे चर्चा करने वाले है। दरअसल हिन्दू धर्म में टूटी-फूटी मुर्ति की पूजा करना निषेध माना गया है। जी हां किसी भी प्रकार से खंडित मुर्ति की पूजा करना अपशगुन माना गया है। जब किसी मूर्ति को घर में लाया जाता है तो माना जाता है कि उसमें देवत्व वास करता है और यहीं कारण है कि जब मूर्ति टूटती है तो लोग घबरा जाते है और किसी अनिष्ट का भाव अपने मन में ले आते है. किन्तु इसमें चिंता की कोई बात नहीं होती, अगर आपके साथ भी कभी ऐसा हो जाएँ तो आप मूर्ति को अक्षत के साथ बहते पानी में विसर्जित कर दें। इससे उसका देवत्व चला जाता है और आपका डर भी कम हो जाएगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर हम रोजाना खंडित मूर्ति या आभाहीन मूर्ति के दर्शन व पूजा करते है तो उससे घर, व्यापार और मान की हानि होती है. इसीलिए हर घर के मंदिर में देवी देवताओं की ऐसी मूर्ति रखने की सलाह दी जाती है जिनका मुख्य सौम्य हो और जिनके हाथों की मुद्रा इस प्रकार हो की वे आपको आशीर्वाद दे रहे हो. आभाहीन मूर्तियाँ दिखने में ही उदास और फीकी दिखती है जिससे नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। तो इसिलए मनुष्य पूरे 100 वर्ष तक जीवित नहीं रह पाता पुरूषों का शरीर ही बताता है उनका व्यक्तित्व मुसीबत से लड़कर आगे निकलना ही जिंदगी है अमरत्व का बीज हर इंसान के मन में होता है