All Eyes On Kashmir कब होगा ? रियासी में आतंकियों ने की 10 निर्दोषों की हत्या, 33 घायल, मंदिर से लौट रहे थे श्रद्धालु

श्रीनगर: भारत से हज़ारों किलोमीटर दूर गाज़ा में अपने नागरिकों को आतंकियों के चंगुल से बचाने के लिए लड़ रहे इजराइल के विरोध में आपने कई पोस्ट देखे होंगे। क्रिकेटर से लेकर फ़िल्मी सितारों और राजनेताओं तक ने रफा में मारे जा रहे लोगों के लिए All Eyes On Rafah अभियान चलाया था। हालाँकि, रफा में इजराइली हमला, 7 अक्टूबर को फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास द्वारा उसकी जमीन पर किए गए वीभत्स हमले की प्रतिक्रिया है। लेकिन, रफा और गाज़ा में इतनी दिलचस्पी रख रहे लोग क्या ये बता सकेंगे कि, आज़ादी के बाद से भारतीय कश्मीर में लगातार निर्दोषों की जान ले रहे आतंकी आखिर किस उद्देश्य से ये सब कर रहे हैं ? इतने वर्षों और इतने नरसंहार के बाद भी क्या कभी इन तथाकथित लिबरलों ने All Eyes On Kashmir नाम से कोई अभियान चलाकर आतंकवाद के खिलाफ आवाज़ उठाई है ? सुरक्षा कारणों से कश्मीर में बस इंटरनेट बंद कर दो, इन्हे कश्मीर 'पीड़ित' दिखने लगेगा। इसे ही प्रोपेगेंडा कहते हैं, जहाँ आरोपी खुद 'पीड़ित' बन जाते हैं और पीड़ितों को ही दोषी बना दिया जाता है।   

 

रविवार (9 जून) को जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर आतंकियों की नापाक हरकत सामने आई है। प्रदेश के रियासी जिले में तीर्थयात्रियों को ले जा रही बस पर आतंकवादियों द्वारा की गई गोलीबारी में दस लोगों की मौत हो गई और 33 अन्य घायल हो गए। आतंकी हमले के बाद बस अनियंत्रित होकर खाई में गिर गई। पुलिस का कहना है कि घटना शाम 6:10 बजे हुई जब आतंकवादियों ने रियासी के शिव खोरी मंदिर से कटरा लौट रही बस पर गोलीबारी की। इनमे से कई लोग कटरा से वैष्णोदेवी भी जाने वाले थे। स्थानीय ग्रामीणों की मदद से पुलिस ने रात 8:10 बजे तक सभी यात्रियों को बाहर निकाल लिया। रियासी के पुलिस अधीक्षक (SP) ने निकासी की निगरानी की और घायलों को विभिन्न अस्पतालों में पहुंचाया।  

पुलिस ने बताया कि दस लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और 33 घायलों को रियासी, त्रेयाथ और जम्मू के विभिन्न अस्पतालों में रेफर किया गया है। घटनास्थल पर पुलिस, भारतीय सेना और CRPF का एक संयुक्त अभियान मुख्यालय स्थापित किया गया और हमलावरों को पकड़ने के लिए बहुआयामी अभियान चलाया गया। सूत्रों के मुताबिक, माना जा रहा है कि आतंकवादी राजौरी, पुंछ और रियासी के ऊपरी इलाकों में छिपे हुए हैं। हालाँकि, माफ़ कीजिएगा, मृतकों या घायलों की जाति का पता नहीं चल पाया है, लेकिन शिवखोड़ी मंदिर गए थे, फिर वैष्णोदेवी जाने वाले थे, तो माना जा रहा है कि, हिन्दू या सिख ही होंगे। जातियों का पता चलते ही आपको बता दिया जाएगा, फिर जिस जाति से कोई हताहत नहीं हुआ हो, वो चैन की सांस ले सकता है।   

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