ग्वालियर: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे आर्यमन सिंधिया ने कहा कि उनके राजनीति में आने के लिए दरवाजे बंद नहीं हुए हैं तथा वह कभी, किसी वक़्त राजनीति का रुख कर सकते हैं। एक इंटरव्यू के चलते आर्यमन सिंधिया ने कहा कि यदि वह भविष्य में राजनीति में कदम रखते हैं, तो वह देश की राजनीति में ‘युवा पीढ़ी की झलक’ पेश करना चाहेंगे तथा युवाओं को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। पहले राजनीति में सम्मिलित होने की अनिच्छा व्यक्त करने वाले आर्यमन ने कहा कि युवाओं पर ध्यान केंद्रित करने वाली राजनीति से आर्थिक सशक्तीकरण भी होता है। उद्यमिता को करियर विकल्प के तौर पर चुनने वाले 27 वर्षीय आर्यमन सिंधिया ने कहा कि उनकी राजनीति बहुत हद तक शैक्षिक विकास ततः युवाओं के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा देने पर केंद्रित होगी। आर्यमन सिंधिया ने कहा कि उनकी राजनीति बहुत हद तक शैक्षिक विकास तथा युवाओं के बीच उद्यमिता को बढ़ावा देने पर केंद्रित होगी। यह सिंधिया के लिए एक पूरी तरह से अलग पाठ्यक्रम तैयार करने जैसा था। अपने परिवार की राजनीतिक वंशावली से अलग होकर, स्टार्टअप में हाथ आजमाया, जिनकी 3 पीढ़ियाँ सक्रिय राजनीति में रही हैं। उद्यमिता आर्यमन के लिए एक पूरी तरह से अलग मार्ग तैयार करने जैसा था क्योंकि उन्होंने अपने परिवार की राजनीतिक परंपरा से अलग होकर स्टार्टअप में हाथ आजमाया। उनकी 3 पीढ़ियां सक्रिय राजनीति में रही हैं। आर्यमन के पिता ज्योतिरादित्य सिंधिया नरेंद्र मोदी सरकार में केंद्रीय नागर विमानन मंत्री हैं। वहीं उनके दादा स्वर्गीय माधवराव सिंधिया कांग्रेस के दिग्गज नेता थे, उनकी परदादी, विजयाराजे सिंधिया बीजेपी की दिग्गज नेता थीं। आर्यमन ने कहा, ‘यदि मैं भविष्य में राजनीति में सम्मिलित होता हूं, तो इसमें युवा पीढ़ी की झलक और एक युवा दृष्टिकोण होगा। मैंने अर्थशास्त्र की पढ़ाई की है तथा मुझे पढ़कर जो समझ आया उसके मुताबिक, भारत को अपनी उत्पादकता को मूर्त रूप देने के लिए वास्तव में देश के युवाओं पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। यह पूछे जाने पर कि क्या भविष्य में राजनीति में सम्मिलित होने के बारे में कोई विचार है, उन्होंने कहा कि उन्होंने ‘दरवाजे पूरी तरह से बंद नहीं किए हैं। हमने (परिवार में) इस बारे में बात की है तथा हमेशा मैंने इस बात को समझा है कि आपको कोई भी दरवाजा बंद नहीं करना चाहिए। भविष्य में मैं राजनीति में आ सकता हूं लेकिन निश्चित तौर पर अभी ऐसा कुछ नहीं है।’ सिंधिया इस वक़्त दो स्टार्टअप चला रहे हैं- ‘माईमंडी’ और ‘प्रवास’। उन्होंने कहा कि मेन फोकस अपने बिजनेस की जड़ें जमाने पर है। सिंधिया ने कहा, ‘अभी मेरे पास बहुत काम है। मैं अपने देश के बारे में बहुत कुछ जानना चाहता हूं।' राजनीतिक परिवेश और परिवार होने के बाद भी उद्यमशीलता को चुनने के लिए किस वजह ने उन्हें प्रेरित किया? इस प्रश्न का उत्तर देते हुए आर्यमन ने कि वह हमेशा किसी और के लिए काम करने की जगह अपना स्वयं का व्यवसाय स्वयं करना चाहते थे। सिंधिया ने कहा कि उन्हें अपने माता-पिता से समर्थन मिला, मगर उन्हें अपना स्वयं का सेटअप आरम्भ करने के फैसले पर संदेह भी था। आर्यमन ने कहा, 'शुरुआत में, मेरे माता-पिता इस विचार से बहुत सहज नहीं थे। सुरक्षा की भी बात थी। वे चाहते थे कि मैं उसी कंपनी में आगे बढूं जहां मैं काम कर रहा था। लेकिन मैंने उनसे बात की तथा उन्हें समझाया कि मैं क्या मॉडल खड़ा करना चाहता हूं।' दुनिया की ग्रोथ रेट में लहराएगा 'भारत' का परचम, रिपोर्ट में हुआ खुलासा 'खान सर' को मिला 'बिहार केसरी पुरस्कार' थाने के अंदर घुसकर खुलेआम पुलिस इंस्पेक्टर पर हुआ जानलेवा हमला, मचा हड़कंप